मुंबई। फेसबुक भारत में जल्द बहुप्रतीक्षित व्हाट्सएप-पे को लॉन्च करने जा रहा है। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इसकी घोषणा की है। देश में एक मिलियन उपयोगकर्ताओं के साथ भुगतान सेवा के सफल परीक्षण के बावजूद, डाटा अनुपालन मुद्दों और विनियमों ने व्हाट्सएप पे लॉन्च को काफी समय तक रोक रखा है।
अस्बे ने कहा कि व्हाट्सएप की भुगतान सेवा शुरू होने के बाद भी घरेलू अर्थव्यवस्था में नकदी की अधिकता को कम करने में दो वर्ष तक का समय लग सकता है। अर्थव्यवस्था में नकदी वर्चस्व को कम करने के लिए डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वालों की संख्या कम से कम 30 करोड़ होनी चाहिए। अस्बे ने कहा कि अभी भी कुछ मध्यस्थ कंपनियां हैं जहां इस दिशा (सूचनाओं के स्थानीयकरण) में काम प्रगति पर है। पहली कंपनी गूगल और दूसरी व्हाट्सएप है।
हमारा मानना है कि व्हाट्सएप अगले दो महीनों में खुद को नियमों के अनुरूप तैयार कर लेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है। गूगल, अमेजन, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल समेत अन्य विदेशी भुगतान सेवा कंपनियों को इसका पालन करना है। इन नियमों के आधार पर इन कंपनियों को लेनदेन के आंकड़े देश में ही सुरक्षित करने हैं और ऐसे आंकड़ों को अपने विदेशी सर्वरों से 24 घंटे के भीतर मिटाना है।