नई दिल्ली। अलीबाबा समूह के यूसी ब्राउजर विश्व का नंबर वन थर्उ पार्अी मोबाइल ब्राउजर बन गया है और चीन को छोड़कर पूरी दुनिया में यह 1.1 अरब डाउनलोड हो चुका है। समूह की फिलैनथ्रॉपी इकाई अलीबाबा फाउंडेशन की ओर से गुरूवार को यहां आयोजित द्वितीय फिलैनथ्रॉपी फोरम में यह जानकारी दी गयी। पूरी दुनिया में जिनमा डाउनलोड किया गया है उसमें से आधे भारत में है। इस फोरम का उद्देश्य देश में वैश्विक शिक्षा को आगे बढ़ाना है। इस फोरम में जिन पहल की घोषणा की गई उनमें अलीबाबा की ब्राउज़र यूनिट यूसीवेब द्वारा इंटरनेट प्लस फिलैनथ्रॉपी मॉडल की स्थापना करना है जिसका लक्ष्य एक ऐसे जिम्मेदार कंटेंट पारितंत्र का निर्माण करना है जिससे भारत में डिजिटल खाई को पाटने, रोजगार सृजित करने और गरीबी दूर करने में मदद मिल सके। समूह अपने इस फोरम के माध्यम से हर किसी को सशक्त करने में इंटरनेट का किस तरह से उपयोग किया जा सकता है पर भी चर्चा कर रहा है।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूसीवेब ग्लोबल बिज़नेस के उपाध्यक्ष हुआइयुआन यांग ने कहा कि अलीबाबा विश्व की पहली इंटरनेट कंपनी है जो यूसी इंटरनेट प्लस फिलैनथ्रॉपी की अवधारणा लेकर आ रही है जो एक पारदर्शी और प्रभावी मॉडल है। इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इंटरनेट की ताकत का उपयोग किया जाएगा। हमारा लक्ष्य इंटरनेट प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर एक जिम्मेदार कंटेंट पारितंत्र का निर्माण करना है जिसके जरिये सूचना एवं ज्ञान का प्रसार किया जा सके। उन्होंने कहा कि समूह ने देशभर में स्कूलों और कॉलेजों को 10 लाख किताबें दान करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2016 में मिशन मिलियन्स बुक्स नाम से अपनी परोपकारी पहल शुरू की। इसका उद्देश्य सरकार की शिक्षा नीति के मुताबिक देश के बच्चों और युवाओं को शिक्षित और सशक्त करने में मदद करना है। अब तक नौ लाख से अधिक किताबें एकत्रित की जा चुकी हैं और करीब 7.5 लाख किताबें दान की जा चुकी हैं जिससे भारत में 2500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के करीब 25 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।