बर्लिन। अब स्मार्टफोन भी महिला के गर्भवती होने की जानकारी दे सकेगा और मरीज के रक्त में शूगर के स्तर की निगरानी भी करेगा। जर्मनी की हनोवर यूनिवर्सिटी स्थित हनोवर सेंटर फॉर आॅप्टिकल टेक्नोलॉजी (हॉट) के शोधार्थियों ने स्मार्टफोन के लिए एक फाइबर आप्टिक सेंसर विकसित किया है, जिसका कई तरह के बॉयोमोल्युकर टेस्ट में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें गर्भ होने का पता लगाना या मधुमेह की निगरानी करना भी शामिल है। शोधार्थियों के मुताबिक सेंसर की रीडिंग स्मार्टफोन पर एक एप्लीकेशन के जरिए चलेगी, जो सही समय पर नतीजे प्रदान करेगा।
जीपीएस से भी जुड़ेगा
उपयुक्त रूप से इस्तेमाल होने पर स्मार्टफोन यूजर के शरीर में रक्त, पेशाब, लार, पसीना या सांस जैसी कई चीजों की जांच कर सकेगा। मेडिकल उपयोग के मामले में सेंसर रीडिंग को स्मार्टफोन के जीपीएस सिग्नल से जोड़ा जाएगा और फिर यूजर नजदीक के मेडिकल स्टोर, अस्पताल या एंबुलेंस के लिए दिशानिर्देशित किए जाएंगे। हनोहर विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर आॅप्टिकल टेक्नोलॉजी के निदेशक एवं अध्ययन से जुड़े कोर्ट ब्रेमर ने बताया कि हमारे पास स्मार्टफोन के लिए छोटे चिप विकसित करने की क्षमता है। अध्ययन आॅप्टिक्स एक्सप्रेस में प्रकाशित हुआ है।
भूख से लड़ने के लिए बनाया मोबाइल एप
कैलिफोर्निया की एक महिला कोमल अहमद ने एक ऐसा फोन एप विकसित किया है, जिसके जरिए वह शहर के करीब 6 लाख बेघर लोगों को खाना खिलाती है। अमेरिका में खाने के बरबादी किए जाने की समस्या से चिंतित अहमद ने यह कदम उठाया। यह शुरुआत इतनी सफल रही कि तीन वर्ष की अवधि में यह अमेरिका के 140 कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज में फैल गई। कोमल अहमद ने कहा कि अतिरिक्त भोजन की बरबादी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है।