नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनियों के बीच जारी गलाकाट प्रतिस्पर्धा के कारण दुनिया में सबसे सस्ते डाटा के बल पर देश में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या वर्ष 2022 तक बढ़कर 85.9 करोड़ पर पहुँचने की उम्मीद है जो वर्ष 2017 के 46.8 करोड़ उपभोक्ताओं की तुलना में लगभग दोगुना है। उद्योग संगठन एसोचैम और पीडब्ल्यूसी द्वारा गुरुवार को जारी एक संयुक्त अध्यन रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त करते हुये कहा गया है कि स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में औसत 12.9 प्रतिशत सालाना की वृद्धि दर्ज की जा रही है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2017 में देश में 46.8 करोड़ स्मार्टफोन यूजर थे। इस आँकड़े के वर्ष 2022 तक बढ़कर 85.9 करोड़ पर पहुँचने का अनुमान है। इसी तरह से वर्ष 2017 में फीचर फोन यूजरों की संख्या 70.1 करोड़ थी जिसके वर्ष 2022 तक घटकर 50.4 करोड़ पर आने की संभावना है। इसमें वार्षिक 6.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा रही है।
इसमें कहा गया है कि अब तक के सबसे कम डाटा टैरिफ होने और स्मार्टफोन की पहुँच बढ़ने से देश में वीडियो न डिमांड बाजार को सबसे अधिक लाभ होगा। देश में इंटरनेट के उपभोग में तेजी से बढ़ने का उल्लेख करते हुये इसमें कहा गया है कि वीओडी की देश में माँग बढ़ने के प्रमुख कारकों में ऐसे डिवाइस शामिल हैं जो आॅनलाइन वीडियो कंटेंट देखने के योग्य हैं। इसमें कहा गया है कि वीओडी उद्योग के लिए टेबलेट भी एक प्रमुख डिवाइस है। हालाँकि, वर्ष 2017 में देश में टेबलेट की पहुँच मात्र 5.3 प्रतिशत थी जिसके वर्ष 2022 तक बढ़कर 10 प्रतिशत पर पहुँचने की उम्मीद है। इसमें मनोरंजन और मीडिया उद्योग के लिए टेलीविजन को प्रमुख कारक बताते हुये कहा गया है कि वर्ष 2017 में देश में 133.14 करोड़ टेलीविजन सेट थे जिसके वर्ष 2022 तक बढ़कर 220.03 करोड़ पर पहुँचने की संभावना है। इसमें वार्षिक 10.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। हालाँकि, वैश्विक स्तर पर यह वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत ही है। टेलीविजन को कंटेंट उपभोग के लिए सबसे किफायती डिवाइस बताते हुये कहा गया है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय स्रोत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय वीडियो ओटीटी बाजार वैश्विक बाजार की तुलना में अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2017-22 के दौरान इसके वार्षिक 22.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताते हुये कहा गया है कि वर्ष 2022 तक भारतीय वीडियो ओटीटी बाजार दुनिया के 10 प्रमुख बाजारों में शामिल हो जायेगा और यह 82.3 करोड़ डॉलर का बाजार होगा।