एकाटेरिनबर्ग। अपने सुपर स्टार फारवर्ड मोहम्मद सालाह की चोट और उनके खेलने को लेकर असमंजस के बीच मिस्र की टीम दो बार के पूर्व चैंपियन उरूग्वे के खिलाफ शुक्रवार को फीफा विश्वकप के ग्रुप ए के मुकाबले में 28 वर्ष का सूखा समाप्त करने के इरादे से उतरेगी।
टूर्नामेंट का यह दूसरा मैच होगा जो दूसरे दिन खेला जाएगा। दोनों टीमें सकारात्मक शुरूआत करने के इरादे से उतरेंगी। मिस्र में इस मैच में लेकर इतनी उत्सुकता है कि मैच शुरू होते ही जैसे पूरा मिस्र ठहरा जाएगा। इस मैच से पहले सबसे बड़ी चर्चा यही है कि सालाह इस मैच में खेलने उतर पाएंगे या नहीं। लीवरपूल के खिलाड़ी यदि इस मैच में खेलते हैं तो मिस्र की उम्मीदें बढ़ जाएंगी।
दो बार का पूर्व विजेता उरूग्वे इस मैच में जीत का दावेदार माना जा रहा है। यह दक्षिण अमेरिकी टीम 2010 के विश्वकप में प्रभावशाली प्रदर्शन कर चौथे स्थान पर रही थी और चार साल पहले ब्राजील में राउंड-16 तक पहुंची थी। उरूग्वे को अपने स्टार फारवर्डों लुईस सुआरेज और एडिनस कवानी से खासी उम्मीदें रहेंगी।
यदि सालाह इस मुकाबले में नहीं उतर पाते हैं तो मिस्र के कोच के पास मोहम्मद महमूद ट्रेजगुएत और रमादान सोभी के रूप में कुछ अच्छे विकल्प भी हैं। उरूग्वे की टीम में पिछले एक सप्ताह स्पोर्ट्स सेंटर बोरस्की में कड़ा अभ्यास किया था।
उरूग्वे के लिये यह दिलचस्प आंकड़ा है कि उसने 1970 के बाद से विश्वकप में कभी विजयी शुरूआत नहीं की है। उसे इन 48 वर्षां में अपने प्रारंभिक मुकाबले में तीन ड्रॉ और तीन हार का सामना करना पड़ा है। उरूग्वे की टीम इस गतिरोध को तोड़कर विजयी शुरूआत करना चाहेगी।