मॉस्को। राजनीतिक और सामरिक मुद्दों को लेकर विवादों में घिरे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपने देश की मेजबानी में हो रहे 21वें फीफा विश्वकप के लिए अपने धुर विरोधी पश्चिमी देशों सहित दुनियाभर का स्वागत किया।
रूस में गुरुवार से फुटबाल विश्वकप का आगाज हो गया है जो 15 जुलाई तक चलेगा और देश के 10 विभिन्न शहरों में टूर्नामेंट के मैचों का आयोजन किया जाएगा। टूर्नामेंट के उद्घाटन से पूर्व बड़ी संख्या में फुटबॉल प्रेमी मॉस्को की सड़कों पर जश्न मनाने उतरे।
पश्चिमी देशों से खराब रिश्तों और रूस को अलग-थलग करने के आरोप लगाने वाले पुतिन ने विश्वकप के लिए दुनियाभर का रूस में स्वागत किया। पश्चिमी देशों ने मॉस्को में फीफा विश्वकप के उद्घाटन समारोह के लिये इस बार अपने सीनियर प्रतिनिधियों को नहीं भेजा है। वर्ष 1980 के मॉस्को ओलंपिक का पश्चिमी देशों ने बहिष्कार किया था जबकि रूस पर सरकार प्रायोजित डोपिंग के आरोप भी लगे हैं जिसके कारण कई रूसी एथलीट 2016 के रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पाये थे। डोपिंग के आरोपों का वैश्विक स्तर पर सामना कर रहा रूस हालांकि इस समय दुनिया के सबसे बड़े खेल का आयोजन कर रहा है।
देश के उप प्रधानमंत्री और खेल मंत्री विताली मुत्को ने कहा, शुरूआत से ही बहिष्कार के प्रयास रहे हैं। लेकिन पश्चिमी राजनेता असल जिंदगी से दूर हैं। यूक्रेन से चार वर्ष पूर्व जबरन क्रीमिया पर कब्जा करने के चलते पश्चिमी प्रतिबंध झेल रहे रूस के राष्ट्रपति लुजनिकी स्टेडियम में उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनेंगे।
पुतिन को हाल ही में 18 वर्ष बाद फिर से देश का राष्ट्रपति चुना गया है। राष्ट्रपति ने रूस की मेजबानी में विश्वकप कराने के लिए एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फुटबाल महासंघ (फीफा) का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा, राजनीति को पीछे छोड़ खेल भावना को बनाये रखने के लिए फीफा का धन्यवाद।