नई दिल्ली। किसी भी फुटबॉल टीम के लिए उसके स्ट्राइकर से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है उसका गोलकीपर। रूस में होने वाले विश्व कप में स्पेन, इटली, इंग्लैंड और अर्जेंटीना की टीमें उस समय ही खिताब की दावेदार होंगी, जब उनके गोलकीपर चट्टान की तरह गोल पोस्ट में खड़े रहेंगें। स्पेन और अर्जेंटीना के पास उनके बेहतरीन गोलकीपर हैं और अगर यह अच्छा प्रदर्शन करेंगें तो उन दोनों देशों को रोकना बेहद मुश्किल होगा। इसलिए गोलकीपरों के ऊपर खिताब जीतने की बहुत उम्मीदें रहेंगी।
डेविड डीगी (स्पेन)
दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपर में से एक डेविड एल्टिको मैड्रिड और मैनटेस्टर यूनाइटेड के मेन प्लेयर हैं। क्लब स्तर के अलावा अंडर-17 और अंडर-21 में भी वह विभिन्न अवार्ड जीत चुके हैं। 3 साल वह पी.एफ.ए. टीम आॅफ द ईयर में भी रहे हैं। स्पेन की ओर से इन्होंने 28 मैच खेल चुके हैं। मैनचेस्टर क्लब से इन्हें 237 मैच खेलने का अनुभव है।
ह्युगो लॉरिस (इटली)
13 साल से खेल रहे ह्यूगो पर इस बार फ्रांस को खास उम्मीदें होगी। स्वीपर कीपर के नाम से मशहूर ह्यूगो फ्रांस के लिए अंडर-18 से लेकर अंडर-21 तक की कई अवार्ड जीत चुके हैं। ह्यूगो लीग 1 गोलकीपर आॅफ द ईयर अवार्ड भी तीन बार जीत चुके हैं। इटली की ओर से इन्होंने 97 मैच खेले हैं और 6 सालों से टोटेनहम हॉटस्पर टीम के साथ जुड़े हैं।
जॉर्डन पिकफोर्ड (इंग्लैंड)
यंगेस्ट प्लेयर्स के कई अवार्ड अपने नाम कर चुके जॉर्डन लगातार इंग्लैंड की अंडर-17 से लेकर अंडर-21 टीम में रह चुके हैं। उन्हें पहचान तब मिली थी जब 2017 में एवरटन क्लब ने उन्हें 25 मिलीयन में साइन किया था। यह एक बड़ी रकम थी। इंग्लैंड की ओर से इन्होंने 3 मैच खेले हैं और 185 क्लब स्तीय मैचों का भी अनुभव उनके पास है।
नहुएल गुजमान (अर्जेंटीना)
गुजमान के पास 13 सालों में 269 से ज्यादा क्लब फुटबॉल मैच खेलने का अनुभव है। अर्जेंटीना अगर जीती तो इसमें बड़ा योगदान गुजमान का हो सकता है क्यों कि अर्जेंटीना अपने स्ट्राइक मैस्सी के कारण जानी जाती है ना कि मजबूत डिफेंस के लिए। अर्जेंटीना की ओर से इन्होंने 6 मैच खेले हैं।