मिलान। अपने करियर में छठी बार विश्वकप में खेलने का सपना देख रहे इटली के गोलकीपर जियानलुइगी बफन ने 60 वर्ष में पहली बार अपनी टीम के फीफा टूर्नामेंट में क्वालीफाई नहीं कर पाने के दुख के कारण अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया है। वर्ष 1958 के बाद यह पहला मौका है जब इटली फीफा विश्वकप के लिये क्वालीफाई ही नहीं कर सका है।
चार बार की चैंपियन इटली ने घरेलू मैदान पर स्वीडन के साथ 0-0 से गोलरहित ड्रा खेला और स्वीडन की टीम 1-0 के औसत के आधार पर विजयी रहते हुये अगले वर्ष रूस में होने वाले विश्वकप का टिकट हासिल करने में सफल रही। इटली को स्टॉकहोम में पहले चरण के मैच में 0-1 से हार मिली थी। सैन सिरो में 74000 दर्शकों के सामने 39 वर्षीय इतालवी गोलकीपर ने कहा"मैं अपने नहीं बल्कि इतालवी फुटबाल के लिये बहुत बुरा महसूस कर रहा हूं।
इतालवी फुटबाल का भविष्य काफी मजबूत है क्योंकि हमने काफी क्षमता, दृढ़ विश्वास के साथ सभी बुरे क्षणों को पीछे छोड़ते हुये आगे का सफर तय किया है।" रिकार्ड छठे विश्वकप में खेलने का सपना देख रहे बफन ने मैच में इटली के लिये दीवार की तरह काम किया और स्वीडन को एक भी गोल नहीं करने दिया लेकिन उनकी टीम के खिलाड़ी भी स्वीडन के डिफेंस को नहीं भेद सके और मैच गोलरहित रहा। हालांकि बफन ने भारी मन और गहरे दुख के साथ अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास की घोषणा कर दी।