नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के लिए 6 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक होगा, जब देश पहली बार किसी भी वर्ग में फीफा मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उतरेगा, जहां से इस खेल को एक नई दिशा और दशा हासिल होगी। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश भारत के लोगों की ढेरों उम्मीदों और आकांक्षाओं के साथ भारत की अंडर-17 फुटबॉल टीम फीफा विश्वकप में खेलने उतरेगी। अपनी मेजबानी में होने वाले पहले फीफा वर्ल्ड कप के जरिए भारत दुनिया को दिखाने के लिए तैयार है कि फुटबॉल के मैदान में उसमें कितना दम है।
टूर्नामेंट की सफलता तो बाद में पता चलेगी, पर आयोजन समिति के निदेशक का मानना है कि इस टूर्नामेंट से भारत में फुटबॉल के लिए नई क्रांति की शुरुआत होगी। फीफा अंडर-17 विश्व कप आयोजन समिति के स्थानीय निदेशक जेवियर सेपी ने कहा कि 11 लाख बच्चे फुटबॉल से जुड़ रहे हैं।
हालांकि टीम पूरी तैयारी और कड़े अभ्यास के बाद विश्वकप में उतर रही है जहां दुनिया की 24 दिग्गज टीमें खिताब के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। भारत इस टूर्नामेंट में निश्चित ही खिताब के दावेदार या मजबूत टीम के तौर पर शामिल नहीं है, लेकिन ब्लू कब्स के नाम से जाने जानी वाली अंडरडॉग भारतीय टीम घरेलू मैदान और घरेलू परिस्थितियों में बड़ा उलटफेर कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का अच्छा प्रदर्शन दुनिया के सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेल फुटबॉल की देश में तस्वीर बदल सकता है और टीम इंडिया से फिलहाल इसी की अपेक्षा सबसे अधिक है। भारतीय टीम ने एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप में सात बार हिस्सा लिया है और 15 वर्ष पूर्व 2002 में उसने क्वार्टरफाइनल तक जगह बनाई थी, जो उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा था। हालांकि वह कोरिया से हारकर इसके आगे नहीं बढ़ सका था।
आधारभूत संरचना की कमी फुटबॉल के विकास में बाधा
सेपी ने कहा कि लंबे समय से इस देश में विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना की कमी फुटबॉल के विकास में बाधा रही है, पर देश में पहले विश्व कप के आयोजन से इसमें बदलाव आएगा और चीजें बेहतर होंगी। सेपी ने कहा, आपने देखा है कि चीजें पहले कैसी थीं। आधारभूत ढांचे के अलावा विश्व कप की एक और विरासत यह है कि लाखों भारतीय इस खेल से जुड़ रहे हैं। सेपी से जब उनके देश (चिली) में हुए पिछले विश्व कप से भारत की तुलना और तैयारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि मैं तुलना करने में विश्वास नहीं करता। मैं इतना कहा सकता हूं कि भारत तैयार है। संयुक्त अरब अमीरात (2013) और चिली (2015) में हुए पिछले दो विश्व कप के स्थानीय टूर्नामेंट निदेशक रह चुके सेपी उद्घाटन समारोह से जुड़े सवाल को टाल गए। उन्होंने कहा, इस बारे में संबंधित हितधारकों से बातचीत जारी है।