नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्यों ने देश को बाईचुंग भूटिया जैसे कई दिग्गज फुटबाॅल सितारे दिए हैं और पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम के लंगलेई के चांगटे लालचुंगनुंगा तो कम उम्र में ही अपने शानदार खेल से 'मिजो मैसी' के नाम से मशहूर हो गए हैं।
पूर्वोत्तर में फुटबाॅल को आगे बढ़ाने की दिशा में टाटा ट्रस्ट्स काम कर रहा है जिसने कई अकादमियां खोली हैं जहां युवा फुटबाॅलरों को उत्कृष्ट कोचों के दिशा निर्देशन में खेल की बारीकियां सिखाकर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। टाटा ग्रुप का वैसे भी भारत में खेलों से जुड़ाव 1924 के पेरिस ओलंपिक से बना हुआ है।
टाटा ट्रस्ट्स की इस पहल में युवा खिलाड़यिों को जर्मनी में छह वर्ष का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस सत्र के लिए 35 युवाओं का चयन किया गया है जो कोलकाता से जर्मनी के लिए रवाना हो गए हैं। इन 35 युवाओं में 15 वर्षीय लालचुंगनुंगा बेहद प्रतिभाशाली हैं।
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम के लंगलेई के रहने वाले लालचुंगनुंगा ने महज नौ वर्ष की उम्र में ही फुटबाॅल खेलना शुरु कर दिया था। लालचुंगनुंगा अर्जेंटीना के दिग्गज खिलाड़ी लियोनल मैसी से बेहद प्रभावित हैं और अपने बैच में 'मिजो मैसी' के नाम से मशहूर हैं। लालचुंगनुंगा के पिता किसान हैं।
लालचुंगनुंगा को उनके शानदार खेल की बदौलत वर्ष 2013 में अंडर-13 टूर्नामेंट में बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा गया था। उनका अंडर-14 भारतीय टीम में भी चयन हो चुका है।