नई दिल्ली। पूर्व भारतीय महिला फुटबॉल कप्तान सोना चौधरी ने फुटबॉल मैनेजमेंट पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सोना के मुताबिक कोच-सेक्रेटरी समेत मैनेजमेंट से जुड़े लोग लड़कियों का शोषण करते हैं। सोना अपनी किताब ह्यगेम इन गेम को लेकर चर्चा में हैं।
मेडल, ट्रॉफी, नाम और शोहरत, सबकुछ फुटबॉल के मैदान की कमाई है। घंटों की मेहनत और लगन के बाद ये लाखों में से किसी एक को नसीब होता है। लेकिन अगर बात महिला फुटबॉल की हो तो सिर्फ मैदान की मेहनत काफी नहीं है। इसके बाद भी कई कंप्रोमाइज करने पड़ सकते हैं। ये कहना है पूर्व भारतीय कप्तान सोना चौधरी का।
सोना चौधरी भारतीय फुटबॉल की जानी पहचानी हस्ती हैं। 1994 से करियर की शुरुआत करने वाली सोना ने भारतीय टीम की कप्तानी भी की है। फिलहाल वो चर्चा में हैं अपनी किताब ह्यगेम इन गेम को लेकर जिसमें उन्होंने भारतीय महिला फुटबॉल में होने वाले शोषण के लेकर सनसनीखेज बातें लिखी हैं।
किताब के मुताबिक टीम के कोच और सेक्रेटरी महिला खिलाड़ियों को कॉम्प्रोमाइज करने के लिए मजबूर करते थे। महिला खिलाड़ी जिस रूम में रूकती थीं, उसी रूम में कोच और सेक्रेटरी खुद बेड लगवाकर सोते थे। कई लड़कियों को कॉम्प्रोमाइज करने के लिए मेंटली टॉर्चर किया जाता था। कोच के शोषण से बचने के लिए खिलाड़ी आपस में अफेयर कर लेती थीं।
1998 में एशियन गेम्स के दौरान चोटिल होने के बाद से ही सोना चौधरी को मैदान छोड़ना पड़ा। उसके बाद से लगातार वो लिखती रही हैं। लेकिन इतनी बड़ी बातों को इतने दिन तक छिपाए रखना और फिर किताब के जरिए सामने लाना सवाल जरूर खड़े करता है। सोना के ये खुलासे अगर सही हैं तो मामला बेहद ही गंभीर हैं। ब्यूटीफुल गेम कहा जाने वाला फुटबॉल भीतर से इतना गंदा हो सकता है किसी ने सोचा नहीं होगा।