तिरूवनंतपुरम। युवा खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम अपनी युवा ब्रिगेड के उत्साह के दम पर दक्षिण एशियाई फुटबाल महासंघ (सैफ) कप के फाइनल में कल क्षेत्रीय महाशक्ति अफगानिस्तान को हराने के इरादे से उतरेगी। हाल ही के वर्षों में अफगानिस्तान छह बार के चैम्पियन भारत के लिये बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
स्टीफन कोंस्टेंटाइन की कोचिंग वाली भारतीय टीम के क्षेत्र में दबदबे को गत चैम्पियन अफगानिस्तान से कड़ी चुनौती मिलेगी। भारत ने 2011 के फाइनल में सुनील छेत्री की हैट्रिक के दम पर अफगानिस्तान को 4.0 से हराया था। दो साल बाद अफगानिस्तान ने फाइनल में भारत को 2.0 से मात दी।
पिछली बार की टीम से सिर्फ पांच खिलाड़ी छेत्री, जेजे लालपेखलुआ, अर्नब मंडल, सुब्रत पाल और रोबिन सिंह इस टीम में है जबकि बाकी युवा खिलाड़ी हैं। घायल रोबिन सिंह की गैर मौजूदगी में भी भारतीयों ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है। कप्तान छेत्री ने मोर्चे से अगुवाई की है जबकि जेजे ने मालदीव के खिलाफ सेमीफाइनल में दो गोल किए। छेत्री ने 2015 में भारत के लिये सर्वाधिक छह गोल दागे। छेत्री और जेजे का साथ देने के लिये फारवर्ड पंक्ति में होलिचरन नरजारी और मिजोरम के 18 बरस के स्ट्राइकर लालियांजुआला छांगटे होंगे।