बर्लिन। फुटबॉल विश्वकप 2006 की मेजबानी हासिल करने के लिये जर्मनी ने फीफा कार्यकारिणी के सदस्यों को रिश्वत दी थी। जर्मनी की एक समाचार पत्रिका ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। इस खबर ने जर्मन फुटबॉल में खलबली मचा दी है। वहीं, फीफा ने कहा कि वह जर्मनी पर लगे इन गंभीर आरोपों की जांच करवाएगा।
जर्मनी की एक साप्ताहिक समाचार पत्रिका डर स्पीजेल के मुताबिक, जर्मनी की तरफ से बोली लगाने वाली समिति ने तब एक करोड़ तीन लाख स्विस फ्रैंक (उस समय लगभग एक करोड़ 60 लाख डॉलर) की धनराशि अवैध तरीके से खर्च करने के लिए रखी थी। यह राशि उसे एडिडास के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट लुई ड्रेफस ने निजी हैसियत से मुहैया कराई थी।
पत्रिका ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग फीफा की 24 सदस्यीय कार्यकारी समिति में एशिया के चार प्रतिनिधियों के वोट सुरक्षित करने के लिए किया गया था। इसके बाद 6 जुलाई 2000 को जर्मनी को टूर्नामेंट की मेजबानी सौंपी गई थी। एशियाई सदस्यों ने भी यूरोपीय प्रतिनिधियों के साथ मिलकर जर्मनी को 12-11 से जीत दिला दी थी।
न्यूजीलैंड के चार्ल्स डेम्पसे ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। जो तीन एशियाई प्रतिनिधि अब भी जीवित हैं, उनमें से पत्रिका सिर्फ दक्षिण कोरिया के चुंग मून जून की पहचान ही कर पाई है।