कनाडा। सिडनी लेरॉक्स अमेरिका की ऐसी फुटबॉल प्लेयर हैं, जो अपने खेल के साथ ही ग्लैमर को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहती हैं। 25 साल की लेरॉक्स इन दिनों फीफा महिला वर्ल्ड कप 2015 में अमेरिकी टीम में शामिल हैं और फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं।
लेरॉक्स के अनुसार वो बचपन से ही कुछ ऐसा करना चाहती थी, जिसमें उनकी रुचि हो। उन्हें खेलों में इंटरेस्ट था। कुछ समय बाद उन्होंने फुटबॉल खेलने और उसी में कॅरियर बनाने का मन बनाया। कनाडा में जन्म होने के बाद वो अपने सपने को पूरा करने के लिए 15 साल की उम्र में ही अकेली अमेरिका आ गई थीं। लेरॉक्स के शरीर पर कई टैटू हैं। वो इसके लिए क्रेजी हैं।
उन्होंने बताया था कि मैंने एक बार अपनी मां से कहा था कि यदि इस टूर्नामेंट में 10 गोल कर दिए तो क्या वो मुझे टैटू बनवाने देंगी। मां ने हां कहा तो लेरॉक्स ने 10 गोल किए और फिर उसके बाद अपनी पीठ पर फुटबॉल का टैटू बनवाया। इसके अलावा उनके हाथ और गर्दन पर भी टैटू बने हैं।
लेरॉक्स की पर्सनल लाइफ
- 7 मई 1990 को लेरॉक्स जन्म कनाडा में हुआ था। उनकी मां कैनेडियन और पिता अमेरिकन हैं।
- लेरॉक्स की मां सैंडी लेरॉक्स कनाडा की नेशनल सॉफ्टबॉल प्लेयर थीं। वहीं पिता प्रोफेशनल बेसबॉल प्लेयर थे।
- लेरॉक्स की परवरिश उनकी मां ने की है। उनके माता-पिता का तलाक उनके पैदा होने से पहले ही हो गया था। तलाक के वक्त लेरॉक्स की मां तीन महीने की प्रेग्नेंट थीं।
- 2015 में लेरॉक्स ने इंग्लिश फुटबॉल प्लेयर डॉम ड्येर से शादी की है।
लंदन ओलिंपिक में जीता स्वर्ण
15 साल की उम्र में सबसे पहले लेरॉक्स ने व्हाइट कैप्स (कनाडा की प्रोफेशनल फुटबॉल टीम) की ओर से खेला था। वो इस टीम की ओर से खेलने वाली सबसे युवा खिलाड़ी थीं। बचपन में वो कनाडा की ओर से यूथ लेवल पर कई मैच खेल चुकी हैं। बड़े होकर उन्होंने अमेरिका की ओर से खेलना का फैसला लिया।
2008 में अमेरिका की अंडर-20 फुटबॉल टीम में शामिल हुर्इं और 2012 में सीनियर टीम में जगह बनाई। लेरॉक्स 2012 के लंदन ओलिंपिक में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं। कुछ समय पहले वो स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड मैग्जिन की कवर गर्ल भी रह चुकी हैं। 1994 से 2004 तक उन्होंने वैली लिटिल लीग में बेसबॉल भी खेला है।