सुधीर शिंदे
इंदौर। अब लर्निंग लाइसेंस के लिए लोगों को परिवहन विभाग के चक्कर लगाने से जल्द ही मुक्ति मिलेगी। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। उक्त लाइसेंस एमपी आॅनलाइन कियोस्क व लोक सेवा केंद्र पर बनेंगे। इसे एक सॉफ्टवेयर से संचालित किया जाएगा। सरकार आमजन को परिवहन विभाग के अफसरों की मनमानी खत्म कर एवजी व एजेंटों से छुटकारा दिलाना चाहती है। कार्यालयों के बाहर ही एजेंट 700 के लाइसेंस के लिए 1800 से 2000 रु. वसूलते हैं। इसके बावजूद समय पर आवेदक के हाथ में नहीं पहुंच पाता। इस संबंध में सरकार तक लंबे समय से शिकायतें पहुंच रही थीं।
एवजी व एजेंटों से मुक्ति की तैयारी
ये होगा फायदा
सूत्रों ने बताया सरकार ने 10 दिन में लर्निंग लाइसेंस बनाने की समय सीमा तय की है। ये सेवा लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत शामिल होने से निश्चित समय में प्रक्रिया पूरी करना होगी। साथ ही आवेदक को अनावश्यक राशि भी नहीं देना पड़ेगी।
कर सकेंगे अपील
लोक सेवा केंद्र में लाइसेंस के आवेदन जमा होंगे। शुल्क करीब 30 रु. लगेगा। 10 दिन में प्रक्रिया पूरी करना जरूरी होगी। समय पर लाइसेंस न मिलने पर आवेदक कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकेंगे।
अभी ये है प्रक्रिया
परिवहन विभाग में अभी लर्निंग लाइसेंस के लिए अपॉइंटमेंट लेना होता है। तय समय पर आवेदक को टेस्ट देना पड़ता है। इसके बाद दस्तावेज में कमी, रजिस्टर में इंट्री और अफसरों के हस्ताक्षर के कारण लाइसेंस 20 से 25 दिन बाद मिल पाता है।
प्रक्रिया जारी है
लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को लोक सेवा केंद्र से जोड़ने का काम जारी है। तकनीकी दिक्कतों के कारण इसमें देरी हो रही है। मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही सुविधा शुरू की जाएगी।
- केआर जैन, प्रबंधन
लोक सेवा केंद्र