रफी मोहम्मद शेख-
इंदौर। इम्प्लाई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन में अपने गाढ़ी कमाई का हिस्सा जमा करने वाले कर्मचारी अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) खुद जनरेट कर सकेंगे। पीएफ की राशि जमा करने के लिए ईपीएफओ ने यूएएन नंबर होना अनिवार्य कर रखा है। अभी तक यह नियोक्ता के माध्यम से भेजे जाने वाली रिक्वेस्ट के बाद ही जनरेट होता था। ईपीएफओ की वेबसाइट पर दी गई लिंक से यह प्रक्रिया अब खुद नया सदस्य या बिना यूएएन वाला सदस्य कर सकता है। इसमें सदस्य का आधार कार्ड होना जरूरी किया गया है।
पिछले साल से किया जरूरी
पीएफ में नए अकाउंट के लिए यूएएन नंबर होना पिछले साल से ही जरूरी कर दिया गया है। इस अकाउंट के लिए संबंधित नियोक्ता को मशक्कत करना पड़ती है। नियोक्ता के लॉगिन और आईडी से पीएफ को रिक्वेस्ट किया जाता है। इसके बाद कई बार यूएएन जनरेट होने में समस्या भी आ जाती है तो कई बार खुद नियोक्ता ही इसे जनरेट करने में देरी करता है। इससे इलेक्ट्रॉनिक चालान (ईसीआर) जमा ही नहीं होता है।
हर माह हजारों रिक्वेस्ट
ईपीएफओ को भी इस प्रक्रिया से काफी समस्या आती है क्योंकि उसके पास हजारों रिक्वेस्ट हर महीने पहुंचती है। कई बार आधार कार्ड के मिस्मैच होने से भी यह नंबर जनरेट नहीं हो पाता है। इस कारण इस हफ्ते से ईपीएफओ ने खुद सदस्य को जनरेट की सुविधा दे दी है। इसमें ईपीएफओ की साइट पर जाकर आॅनलाइन आधार वेरिफाइट यूएएन अलॉटमेंट लिंक पर क्लिक कर अपना यूएएन जनरेट कर सकेंगे। इसके लिए आधार कार्ड होना जरूरी होगा। आधार कार्ड में लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी की जानकारी डालने के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी।
आधार भी हो जाएगा लिंक
इस प्रक्रिया से एक ओर मेम्बर को नियोक्त पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा वही ईपीएफओ को भी सुविधा हो जाएगी। इसके साथ ही केवायसी के रूप में आधार कार्ड भी लिंक हो जाएगा। इसका बड़ा फायदा यूएएन की डुप्लीकेसी नहीं होने का भी होगा। अगर मेम्बर पहले कही ओर कार्यरत था और उसका आधार कार्ड केवायसी के साथ पहले से यूएएन नंबर जनरेट हो चुका होगा तो यहां पर नया नंबर जनरेट नहीं होगा। उसे अपने पुराने नंबर से ही नए स्थान पर अकाउंट आॅपरेट करने की सुविधा होगी। यह सुविधा पहले से होने के बावजूद नए नंबर अभी भी जनरेट हो रहे हैं। नई सुविधा में पहले से यूएएन प्राप्त करने वालों की प्रक्रिया आगे ही नहीं बढ़ेगी।
तीन गुना यूएएन जनरेट
वर्तमान में इंदौर रीजन में पीएफ के करीब तीन लाख 78 लाख कार्यरत मेम्बर है। जबकि पिछले सालों में अभी तक करीब 12 लाख यूएएन नंबर जनरेट हो चुके हैं। इससे साफ है कि बाकी नंबर या तो कार्यरत मेम्बर के पास दो-दो तीन-तीन है। उन्होंने एक स्थान से नौकरी छोड़कर दूसरे स्थान पर ज्वाइन की तो वहां पर नया यूएएन नंबर जनरेट कर लिया। जबकि वास्तव में उन्हें उसी यूएएन नंबर को एक्टिव करना था। वही कई पास दो-दो एक्टिव यूएएन नंबर भी है। इस प्रकार नई प्रक्रिया से डुप्लीकेसी नहीं हो पाएगी। यह समस्या केवल इंदौर रीजन ही नहीं बल्कि पूरे देश में है, जहां पर वास्तविक कार्यरत मेम्बर से करीब तीन गुना यूएएन एक्टिव है।
क्या रहेगी प्रक्रिया
- ईपीएफओ की साइट ओपन करें।
- सीधे हाथ पर इम्पोरटेंट लिंक में ऑनलाइन आधार वेरिफाइड यूएएन अलॉटमेंट लिंक पर क्लिक करें।
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा।
- ओटीपी के डालने के बाद अपनी जानकारी फीड करें।
- इसके डालते ही नया यूएएन नंबर जनरेट हो जाएगा।
- इसे नियोक्ता को देकर अपना अकाउंट शुरू कर, पीएफ के सदस्य बनें।
क्या है गणित
इंदौर रीजन में एक्टिव मेम्बर 3.78 लाख
अभी तक जनरेट हुए यूएएन 11.98 लाख
परेशान नहीं होना पड़ेगा..
नई सुविधा से मेम्बर को यूएएन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और आसान प्रक्रिया से वह सीधे जुड़ पाएगा। इससे डुप्लीकेट यूएएन पर भी रोक लगेगी।
- अजय मेहरा, रीजनल कमिश्नर - ईपीएफओ