- अजय सरोज यादव
इंदौर। पर्यावरणविद्, समाजसेवी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक कान्ह नदी के पुनरुद्धार में लगे हैं। नगर निगम भी सक्रियता दिखाकर काम कर रहा है, मगर मनमाना। शायद इसलिए शहरभर में नदी किनारे के कब्जे हटाए जा रहे हैं। वहीं निगम ही नदी किनारे सामुदायिक भवन बना रहा है। लोगों के टूटते मकान पर मौन रहे पार्षद इसे जनहित के लिए सही बताने में लगे हैं।
वार्ड 53 संवाद नगर के नवनिर्मित ब्रिज के पास का। यहां निगम कान्ह नदी की रिटेनिंग वॉल से लगाकर सामुदायिक भवन का निर्माण कर रहा है, जबकि एनजीटी ने नदी के पास निर्माण पर रोक लगा रखी है। नदी के आसपास निर्माण और मंजूरी के लिए बकायदा नियम हैं। इनका पालन कराना निगम की जिम्मेदारी है, किंतु खुद इनका उल्लंघन कर रहा है। निगम अधिकारी, जनप्रतिनिधि निर्माण को सही बता रहे हैं, वहीं कान्ह की लड़ाई लड़ने वाले नियम विरुद्ध।
पहले भी हो चुका ऐसा ही निर्माण
नगर निगम ने कान्ह नदी पर प्रेमसुख टॉकीज के समीप बीओटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए के बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किया है, जो नियमानुसार गलत है। सामने से ये ठीक दिखता है। पीछे जाकर पता चलता है, नियमों के विपरीत नदी पर कितना बड़ा निर्माण किया है।
...नहीं हटे अतिक्रमण
एनजीटी और कोर्ट ने कान्ह के किनारे से अतिक्रमण हटाने के आदेश जिला प्रशासन और नगर निगम दिए थे। इक्का-दुक्का को छोड़कर दर्जनों अतिक्रमण महीनों बाद भी कायम हैं। यहां तो अतिक्रमण हटाने वाले ही नए अतिक्रमण कर रहे हैं। ऐसे में साफ सुथरी, कल-कल बहती कान्ह नदी के सपने देखना और दिखाना बेईमानी है।
35 लाख का कम्युनिटी हॉल
नगर निगम 35 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन बना रहा है। हमारी फर्म 2500 स्क्वेयर फीट एरिया में दो मंजिला का निर्माण कर रही है। आधा काम हो चुका है, तीन महीने में पूरा हो जाएगा। निर्माण सही है या गलत नहीं पता, हम तो निगम के आदेश पर टेंडर भरकर नियमानुसार काम कर रहे हैं।
-बीएल उज्जैनी, ठेकेदार
33 मीटर तक निर्माण पर रोक
एनजीटी ने नदी के 33 मीटर तक नए निर्माण पर रोक लगा रखी है। मुझे ये समझ नहीं आता, ये आंखें मूंदकर मंजूरी दे देते हैं। संवाद नगर ब्रिज और दरगाह के पास निर्माण का मामला मेरे संज्ञान में आया है। निर्माण देखने के बाद एनजीटी के समक्ष इस पर आपत्ति लूंगा। निर्माण निगम का हो, या किसी रसूखदार का। मेरे लिए शहर की नदी से बढ़कर कुछ नहीं।
-किशोर कोडवानी, सामाजिक कार्यकर्ता
नदी को खतरा नहीं
सामुदायिक भवन के निर्माण से नदी को कोई खतरा नहीं। वहां चौड़ी रिटेनिंग वॉल बनी है। उससे दूर निर्माण हो रहा है। निर्माण निगम का ही है और नियम के दायरे में हो रहा है। इससे भविष्य में कोई खतरा या परेशानी नहीं होगी।
-शांतिलाल यादव, जोनल अधिकारी जोन 18
जनहित में निर्माण
महंगे गार्डन, होटल, धर्मशाला में मांगलिक कार्यक्रम न करा पाने वाली क्षेत्र की जनता के लिए ये सस्ती सुविधा जुटाई जा रही है। निर्माण रिटेनिंग वॉल से दूर है, लेकिन 33 मीटर दूर नहीं। नियमों के हिसाब से शहर में बहुत कुछ अवैध है। भवन बनेगा तो गरीब जनता के लिए बड़ी सुविधा होगी।
-शेख अलीम पार्षद पति वार्ड 53