- उमेश भारद्वाज
इंदौर। प्रदेश सरकार की उपेक्षा और बिगड़ी शिक्षा पद्धति के चलते प्रदेश के दंत चिकित्सक बदहाली की कगार पर आ पहुंचे हैं। हर वर्ष एक हजार डेंटिस्ट प्रदेश के शासकीय व निजी दंत महाविद्यालयों से अध्ययन कर निकल रहे हैं। रोजगार की बात करें तो 70 प्रतिशत से भी अधिक चिकित्सकों को नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में जबकि शासन-प्रशासन रोजगार सृजित करने का दावा कर रहा हो वहां डेंटिस्ट को बेरोजगारी की कगार पर देखकर भी सरकार का सीना नहीं पसीज रहा है।
एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश सहित देशभर में डिग्रीधारियों के मुकाबले झोलाछाप डेंटिस्टों की संख्या 30 फीसदी को पार कर चुकी है। ऐसे में इन एक हजार नए डेंटिस्टों के लिए रोजगार पाना टेढ़ी खीर से कम नहीं कहा जाएगा। आंकड़े ये भी बताते हैं कि करीब 80 फीसदी से ज्यादा नए डेंटिस्टों को आज भी पढ़ाई करने के बाद रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
बड़ी वजह : गांव नहीं चाहते डॉक्टर्स
निजी महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले डेंटिस्टों को पांच लाख रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद डिग्री मिलती है। अगर बात डोनेशन पर आ जाए तो ये राशि बढ़कर कई गुना हो जाती है। सरकारी महाविद्यालय प्रदेश में एकमात्र इंदौर का है, जहां सीट्स की उपलब्धता कम है। ऐसे में निजी संस्थानों की ओर न चाहते हुए भी छात्रों का जाना पड़ रहा है। एक डेंटिस्ट छात्र ने बताया कि पढ़ाई के लिए जब लाखों रुपए खर्च किए ही जा रहे हैं तो गांव में जाकर जीवन बर्बाद क्यों करें।
सरकार गांव में सुविधा के नाम पर सिर्फ एक टेबल और कुर्सी देती है, जबकि शहरों में दंत रोग के निदान की सभी सुविधाएं और उपचार के साधन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। दूसरी ओर, केंद्र द्वारा भी नए डेंटल कॉलेज खोलने पर रोक जारी है। जब तक प्रदेश सरकार की ओर से अनुशंसा न हो, तब तक नए कॉलेज नहीं खोले जा सकते। फर्जी डेंटिस्टों के पनपने और गांवों में डॉक्टरों की अनुपलब्धता न होने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी सामने आई है।
आंकड़ों पर नजर
देश
- 305 डेंटल कॉलेज
- 342 पीजी सीटें उपलब्ध
- 03 लाख डेंटिस्ट उपलब्ध
प्रदेश
- 200 शासकीय डेंटिस्ट
- 1000 नए डेंटिस्ट निकल रहे हर साल
- 12 कुल दंत चिकित्सा महाविद्यालय प्रदेश में
- 01 मात्र दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में
- 40 सीटें शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में
- 50 दंत रोग चिकित्सक
- 15 प्रतिशत मरीज ही पहुंच रहे अस्पताल
देश में कॉलेज और सीटें
मध्यप्रदेश 12 1000
राजस्थान 15 1400
आंध्रप्रदेश 25 2330
तमिलनाडु 29 2770
कर्नाटक 44 2960
महाराष्ट्र 36 3160
उत्तरप्रदेश 26 2490
डेंटिस्ट की जरूरत ज्यादा
देश में डेंटिस्ट की लगातार कमी हो रही है, जबकि वे सेवा देने को तैयार हैं। सरकार को भी प्रदेश के डेंटिस्टों के हित में विचार कर योजनाएं तैयार करना चाहिए। हमने अपने संगठन के जरिए फर्जी डेंटिस्टों के खिलाफ भी अभियान चलाने के लिए शासन ने निवेदन किया है।
- डॉ. देशराज जैन, अध्यक्ष दंत चिकित्सक