- पंकज भारती
इंदौर। स्वच्छता अभियान में तो इंदौर ने नंबर वन का खिताब हासिल किया है, किंतु टीकाकरण अभियान में इंदौर देश में फिसड्डी साबित हुआ। केंद्र सरकार के सर्वे में इंदौर फेल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फटकार के बाद इंदौर सहित प्रदेश के 13 जिलों में एक बार फिर से विशेष इंद्रधनुष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत राज्य सरकार ने 14 विभागों का संयुक्त दल तैयार किया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को प्रमुख रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई है। 9 अक्टूबर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक यह अभियान पुन: चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 तक देश में संपूर्ण टीकाकरण कराने का लक्ष्य तय किया है। इसे लेकर देशभर में अभियान शुरू किया था, किंतु प्रदेश के अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब केंद्र ने अभियान की समीक्षा की, तो मप्र के 13 जिलों में 50 फीसदी से भी कम टीकाकरण पाया गया। अब अभियान पर निगरानी के लिए पहली बार राज्य स्तर पर सीएस की अध्यक्षता में एवं जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में समितियां बनेंगी। कलेक्टर माह में दो बार तथा राज्य स्तरीय समिति मासिक समीक्षा करेगी। टीकाकरण के फर्जी आंकड़े तैयार न किए जा सकें, इसके लिए अभियान में सजा का प्रावधान भी किया गया है।
दावा 76 फीसदी का
जिला, राज्य और केंद्र तीनों स्तर पर इंद्रधनुष अभियान के आंकड़ों में अंतर है। मप्र सरकार का दावा है कि इंद्रधनुष अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में 80 फीसदी टीकाकरण हुआ है। वहीं इंदौर जिले के टीकाकरण अधिकारी 95 फीसदी लक्ष्य प्राप्त करने का दावा कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार यह आंकड़ा 50 फीसदी से कम बता रही है।
यहां मुहिम नाकाम
डॉ. प्रवीण जड़िया (टीकाकरण अधिकारी) ने बताया इंदौर, आलीराजपुर, झाबुआ, छतरपुर, पन्ना, रायसेन, विदिशा,रीवा, सागर, शहडोल, श्योपुर, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़ में मुहिम असफल हुई है। महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत, शिक्षा, वन, आदिम जाति कल्याण, एनसीसी, स्काउट-गाइड, यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएनडीपी, सीएचएआई, रोटरी, आईएमए और आईएपी का सहयोग मिलेगा।