- केपी सिंह
इंदौर। मानसून की बेरुखी ने बरसात के मौसम में ही सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। बादलों के बदले रुख ने निगम की चिंता बढ़ा दी है। इस साल अबतक केवल 19 इंच ही बारिश हुई है, जो पिछले साल के औसत 25 इंच के स्तर से कम है। बारिश नहीं होने से शहर की प्यास बुझाने वाले बिलावली और यशवंत सागर तालाब भी पूरी तरह नहीं भर पाए हैं। तालाबों के चार साल के रिकॉर्ड देखने के बाद निगम प्रशासन ने भी यह बात स्वीकार की है कि इस साल तालाबों का जलस्तर बेहद ही कम है।
तालाब खाली रहेंगे तो उसका असर भू-जलस्तर पर पड़ेगा। शहर की जनता के साथ ही गांव के किसानों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। संतोष टैगोर (अपर आयुक्त) ने बताया कि निगम ने बारिश की संभावना को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र से संपर्क साधा है। बारिश नहीं होने की सूरत में जलसंकट से निपटने के वैकल्पिक इंतजाम करने में भी जुट गया है।
जलसंकट से निपटें कैसे
मानसून का यह सीजन शहर पर बिल्कुल भी मेहरबान नहीं है। सावन का पूरा महीना बीतने के बाद भी केवल 19 इंच बारिश ही दर्ज की गई है। पिछले साल 25 इंच बारिश हुई थी। बारिश नहीं होने से शहर के दो बड़े तालाब बिलावली और यशवंत सागर का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। बिलावली तालाब की जलसंचय क्षमता 34 फीट है, लेकिन अब तक महज पांच फीट ही पानी जमा हो पाया है। वहीं, यशवंत सागर तालाब में भी लगभग 11 फीट पानी है।
बरसात के मुंह मोड़ लेने से शहर और ग्रामीण भागों का जलस्तर भी नीचे जाने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि जलसंकट से निपटने के लिए निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। नर्मदा के थर्ड फेज से नए पंप लगाकर 90 एमएलडी पानी लाने की तैयारी में है प्रशासन। इसकी टेस्टिंग का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। आने वाले दस दिनों के भीतर 90 एमएलडी पानी शहर में पहुंचने की उम्मीद है। इससे जरूर थोड़ी राहत मिलेगी।
मौसम विज्ञान केंद्र से संपर्क
वहीं, मौसम की बेरुखी को देखते हुए नगर निगम ने भोपाल के मौसम विज्ञान केंद्र से संपर्क साधा है। प्रशासन ने बारिश को लेकर मौसम विभाग से सटीक जानकारी मांगी है, ताकि वह शहर की प्यास बुझाने के वैकल्पिक इंतजाम कर सके। राहत की बात यह है कि शहर की बड़ी आबादी की प्यास नर्मदा के पानी से बुझाई जाती है। यहां से निगम को भरपूर पानी मिल रहा है, लेकिन तालाबों का जलस्तर कम रहने से बोरिंग के सूखने की आशंका बढ़ गई है। बादल नहीं बरसे तो पानी की किल्लत से हालात बिगड़ने की आशंका है।