- केपी सिंह
इंदौर। जिले के 22 जोनल कार्यालयों के मामले में कोर्ट ने मेयर, कलेक्टर व निगम कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब मांगा है। नगर निगम ने इस संबंध में ठोस योजना बनाई है। वार्डों का जोड़तोड़ शुरू करने के साथ ही जोन में कौन से वार्ड को शामिल किया जाए, इसके लिए विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त को होगी। उससे पहले निगम के जिम्मेदार अधिकारी अपनी रूपरेखा बनाने में जुटे हुए हैं।
अधिकारी निर्धारित अवधि में 22 जोन की रूपरेखा तैयार कर कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट के निर्देश के बाद निगम प्रशासन के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है। शुरुआती दौर में पंचायत भवन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है कि इन स्थानों पर भी जोनल कार्यालय को खोला जाए और स्टॉफ तैनात कर वर्किंग भी शुरू हो जाए। दरअसल, शहरी सीमा में शामिल हुए 29 गांवों में पंचायत भवन भी आए हैं। इस पंचायत भवन का इस्तेमाल जोनल कार्यालय के रूप में किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। फिलहाल 22 जोनल कार्यालयों को लेकर यही जोड़तोड़ शुरू हो गई है। इसके तहत चार वार्ड का एक जोनल कार्यालय बनाया जाएगा।
यह है मामला
जनगणना 2011 के दौरान निगम सीमा में 29 गांव शहर सीमा में शामिल किए थे। 21 लाख 95 हजार जनसंख्या बताकर 85 वार्ड बनाए गए, जबकि जोनल कार्यालय 19 ही बनाए। मामला कोर्ट में चला गया और 22 जोनल कार्यालय बनाए जाने की बात कही गई। उधर, निगम द्वारा समय सीमा में जवाब पेश नहीं किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और नोटिस जारी कर छह सप्ताह में प्रशासन से जवाब मांग लिया।
तीन-चार वार्ड का होगा एक जोनल कार्यालय
शहरी सीमा में 21.95 लाख जनसंख्या है। एक वार्ड की जनसंख्या करीब एक लाख निर्धारित होती है। इसमें किसी जोन में पांच वार्ड र्हैं, तो कहीं पर चार वार्ड हैं। इसमें जहां एक जोन में पांच वार्ड होंगे, वहां से एक वार्ड को निकाल कर अन्य वार्डों में समाहित किया जाएगा। इसी तरह जहां चार वार्ड हैं, उनकी संख्या तीन की जाएगी। इसमें कम से कम तीन वार्डों का एक जोन रहेगा और अधिकतम चार वार्डों का एक जोन रहेगा।
संसाधनों के उपयोग करने की सलाह
अफसरों ने मेयर के सामने एक प्रस्ताव रखते हुए कहा 29 गांवों को शहरी सीमा में शामिल किया गया है। गांवों के साथ ही पंचायत भवन भी शामिल किए गए हैं। इन स्थानों में भी जोनल कार्यालय खोले जा सकते हैं। इसके तहत भवन बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सिर्फ संसाधनों के साथ स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी।
29 गांवों में बनेंगे जोन
सूत्रों की मानें तो 29 गांवों में जोनल कार्यालय बनाने के लिए प्रशासन भी तैयार है। इसके तहत तीन जोनल कार्यालय बनाकर कुल 22 जोन तैयार कर लिए जाएंगे। बड़ा बांगड़दा व कनाड़िया सबसे बड़े वार्डों में शुमार हैं। इन वार्डों के लिए भी विशेष रणनीति बना रहे हैं। इसमें कनाड़िया में अरंडया, शकरखेड़ी, लसूड़िया को शामिल कर सकते हैं। इसी तरह, अहिरखेड़ी में छोटे-छोटे वार्डों को मिलाकर एक जोन तैयार कर सकते हैं। बिलावली, सुपर कॉरिडोर, टिगरिया बादशाह, भौंरासला, रेवती, बड़ा बांगड़दा, छोटा बांगड़दा भी बड़े वार्ड हैं, जिसमें छोटे वार्डों को मिलाकर एक कर सकते हैं। हालांकि जनप्रतिनिधियों की मदद से तीन अतिरिक्त जोन की रूपरेखा बनाई जा रही है।
ये रहेगी चुनौती
जोन ऑफिस में सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी। इसमें फर्नीचर, स्टाफ के साथ ही जोन पर सीवर, जेसीबी, डंपर व कचरा वाहन सहित अन्य मशीनरी भी जोनल स्तर पर उपलब्ध करानी होगी। इसकी खरीदी भी करना होगी, जिसके टेंडर जारी किए जाएंगे।
कौन-कौन से वार्ड होंगे शामिल
मेयर के आदेश पर 22 जोन बनाए जा रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें कुछ क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। यहां मशीनरी उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी उपलब्ध करानी होगी। इसकी रिपोर्ट अधिकारी बना रहे हैं। फिलहाल 22 जोन में कौन-कौन से वार्ड शामिल किए जाएंगे, किस वार्ड को कहां पर समायोजन होगा, इस पर काम चल रहा है। रिपोर्ट मिलने पर सारी जानकारी पता चल जाएगी।
मनीष सिंह (कमिश्नर, नगर निगम)