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उम्मीद ने छोड़ा साथ... सावन ने दे दिया धोखा, 67 तहसीलों में ‘सूखा’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 1 2017 12:04PM | Updated Date: Aug 1 2017 12:04PM
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- गणेश सोनकर  
 
रायपुर। मानसून की खंड बारिश ने इस साल राज्य की कई तहसीलों को सूखे की चपेट में लाकर खड़ा कर दिया है। राजस्व विभाग से मिले बारिश के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की 150 में से 67 तहसीलों में 40 से 90 फीसदी ही बारिश दर्ज की गई है। मानसून सीजन के एक जून से 31 जुलाई तक दो महीने में दस सालों के औसत से काफी कम बारिश हुई है। कई तहसीलों में अल्प वर्षा के हालात हैं।
 
प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, जांजगीर, कांकेर, कवर्धा, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, रायगढ़, राजनांदगांव, नारायणपुर, बीजापुर, कोंडागांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बालोद व बेमेतरा सहित 19 जिले के किसानों के सामने खरीफ सीजन की बोनी के बाद खेती-किसानी चौपट होने की कगार पर है। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश की धमधा तहसील में 42 फीसदी, रायपुर में 45 फीसदी, आरंग में 49 फीसदी, छुरिया में 48 फीसदी, साजा में 43 फीसदी व गुरुर में 41 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। यानी प्रदेश की 6 तहसीलों में 50 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गई है। सोमवार को प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। आसमान से बादल छटते ही राजधानी का तापमान दोपहर में 34.2 डिग्री और रात में 26.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो दिन व रात में पारा सामान्य से 3 डिग्री अधिक रहा। सूरज की तेज गर्मी से दिनभर उमस व बेचैनी रही। वहीं रात को हल्की बारिश से मौसम का मिजाज कुछ बदल गया। प्रदेश में अब तक 566 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
 
इन तहसीलों में 90 फीसदी से कम बारिश
बिलासपुर-76, मस्तूरी-58, कोटा-61, बिल्हा-75, तखतपुर-79, मरवाही-89, धमतरी में नगरी-73, कुरुद-57, मगरलोड-71, दुर्ग में दुर्ग-53, धमधा-42, पाटन-64, जांजगीर-चांपा में डभरा-88, जैजैपुर-57, अकलतरा-83, कांकेर  में नरहरपुर-69, चारामा-90, भानुप्रतापपुर-64, अंतागढ़-81, कोयलीबेड़ा-86, दुर्गकोंदुल-65, कर्वधा में बोड़ला-53, कोरबा में पोड़ीउपरोड़ा-76, कोरिया में भरतपुर-84, बैकुंठपुर-78, खड़गवां-79, महासमुंद में महासमुंद-67, सरायपाली-71, पिथौरा-83, बागबहरा-82, रायगढ़  में धरमजयगढ़-74, सारंगढ़-75, पुसौर-90, बरमकेला-74, रायपुर में आरंग-49, रायपुर-45, तिल्दा-63, राजनांदगांव जिले में छुईखदान-81, खैरागढ़ -72, डोंगरगढ़-66, राजनांदगांव-68, डोंगरगांव-68, मोहला-77, छुरिया-48, नारायणपुर जिले में नारायणपुर-81, ओरछा-81, बीजापुर जिले में बीजापुर-77, भोपालपट्नम-89, कोंडागांव जिले में फरसगांव-90, बलौदाबाजार जिले में सिमगा-67, बलौदाबाजार-51, बिलाईगढ़-52, कसडोल-65, पलारी-54, भाटापारा-86, गरियाबंद जिले में राजिम-60, गरियाबंद-66, मैनपुर-74, छुरा-81, बेमेतरा जिले में थानखम्हरिया-74, नवागढ़-62, बेमेतरा-81, साजा-43, बेरला-69, बालोद जिले में गुंडरदेही-75,गुरुर-41, डौंडी-83 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। 

छत्तीसगढ़ में अकाल की दस्तक
छत्तीसगढ़ में अकाल की दस्तक पड़ गई है। जुलाई में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर संभाग के अनेक गांवों में किसान रोपाई, बियासी का काम नहीं कर पाए है। छत्तीसगढ़ एक बार फिर सूखा की चपेट में इस साल आ सकता है। चार दिन पूर्व रोपाई किये गये खेतों में दरार पड़ गयी है और धान के पौधे मुरझा गये है। दुर्ग जिले के  हिंगनाडीह, अछोटी, अहिवारा क्षेत्र में धान के पौधे मुरझाने लगे है। इसी तरह रोपाई-बियासी हो चुके खेतों की भी हालत नाजुक हो गई है। हमेशा की तरह सरकार सुस्त बैठी हुई है जबकि किसान पानी की मांग कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है वहां नहर को तत्काल खोला जाए और सिंचाई की व्यवस्था की जाये।
-डॉ संकेत ठाकुर, किसान नेता
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ

30 वर्षों के औसत से कम बारिश
छत्तीसगढ़ में कम वर्षा वाले जिलों में इस साल 30 वर्षो के औसत के तुलना में कम वर्षा हुई है। इसमें गरियाबंद, मुंगेली, दुर्ग, बलौदाबाजार, बिलासपुर व रायपुर जिले प्रमुख रुप से हैं। मौसम के मिजाज को देखते हुए किसान भाई बियासी कार्य न करें। खरपतवारनाशी का उपयोग करें। कम वर्षा वाले स्थानों में धान में कटुआ कीट लगने की संभावना है अत: सतत निगरानी करे। जहां कम पानी गिरा हैं एवं धान की बुवाई नहीं हो पाया है, वहां खेतों की जुताई कर खरीफ फसलों जैसे उड़द, मूंग, तिल, मक्का, ज्वार चारें हेतु आदि के बीजों को उपचारित कर कतारों में बुवाई करें।
- डॉ. जीके दास , प्रमुख वैज्ञानिक ,विभागाध्यक्ष
कृषि मौसम विज्ञान विभाग रायपुर
 
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