- रफी मोहम्मद शेख
इंदौर। कई सालों से नेक द्वारा ए ग्रेड प्राप्त देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी परीक्षा और रिजल्ट के मामले में सी ग्रेड से भी कमतर साबित हो रही है। नए कुलपति के आने के बाद कई बदलाव किए गए, लेकिन रिजल्ट है कि समय पर आ ही नहीं पाता। ऐसी ही स्थिति बीए, बीकॉम व बीएससी सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं की हो रही है। परीक्षा के एक माह बाद भी विवि मुख्य रिजल्ट के बजाय केवल रिजल्ट का आवेदन करने वाले विद्यार्थियों का गोपनीय रिजल्ट बनाने पर ध्यान दे रहा है, जबकि कॉलेजों में नया सत्र शुरू हो गया है। एटीकेटी वाले विद्यार्थी परेशान हैं।
विवि ने मई में सबसे पहले बीए, बीकॉम व बीएससी सिक्स्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं कराई थी। इसके बाद रिजल्ट जुलाई में घोषित किया है। चूंकि सबसे ज्यादा समस्या सिक्स्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों की ही होती है। इन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस में एडमिशन लेना होता है। इस बार उच्च शिक्षा विभाग ने थर्ड और फिफ्थ सेमेस्टर के एडमिशन के लिए भी 31 जुलाई तय कर दी है, जबकि इनका रिजल्ट नहीं आया है। अब एडमिशन लेने वाले विद्यार्थी फेल होते हैं तो कॉलेज उनकी जमा फीस भी वापस नहीं करेंगे।
नौ हजार विद्यार्थी
सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों की परीक्षाएं जून में कराई गई। इसका रिजल्ट आने में एक माह लगेगा। विवि ने सिक्स्थ सेमेस्टर के रिजल्ट निकालने के बाद मामला शांत होने की सोची थी, लेकिन सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं में शामिल हुए सिक्स्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों के बारे में ध्यान ही नहीं दिया। वास्तव में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या करीब नौ हजार है, जिन्हें सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर के किन्हीं विषयों में एटीकेटी है। इन्होंने सेकंड और फोर्थ ईयर के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा दी है।
पास होकर भी पास नहीं
ये विद्यार्थी ऐसे हैं जो सिक्स्थ सेमेस्टर में पास हैं, लेकिन सेकंड व फोर्थ सेमेस्टर के विषयों में पास नहीं होने पर इनका रिजल्ट विथहेल्ड है। जब तक ये एटीकेटी वाले विषयों की परीक्षा पास नहीं कर लेते हैं तब तक इनका अंतिम रिजल्ट पास का नहीं होता है। इधर विवि सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर के रिजल्ट अगस्त तक नहीं निकाल पाएगा। उधर, एमबीए सहित पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस में एडमिशन लेने की चाह रखने वाले हजारों विद्यार्थी विवि में प्रतिदिन आ रहे हैं।
तीन से पांच दिन में
स्थिति से निपटने के लिए विवि ने गोपनीय रिजल्ट देने की व्यवस्था की है। इसके लिए तीन से पांच दिन का समय तय किया है। होना ये चाहिए था कि विवि रिजल्ट प्राथमिकता से घोषित करता, लेकिन अब विवि का फोकस इन विद्यार्थियों का रिजल्ट पहले घोषित करने पर हो गया है। मूल्यांकन सेंटर के ओएसडी व स्टाफ प्रतिदिन अलग-अलग फैकल्टी के आने वाले आवेदनों को छांटकर उनकी कॉपियां निकलवाते हैं और उसके बाद उन्हें पहले जंचवाकर उनका रिजल्ट तैयार कर भिजवाते हैं। अब तक एक हजार ऐसे रिजल्ट निकाले गए हैं।