केपी सिंह-
इंदौर। शहर को स्वच्छ और खूबसूरत बनाए रखने के लिए निगम तमाम प्रयासों में जुटा है। कारण, देशभर के लोग, जनप्रतिनिधि व अधिकारी ‘स्वच्छ’ इंदौर देखने आ रहे हैं। इसलिए 18 लाख रुपए खर्च कर निगम 500 टन चूना पॉवडर, वहीं 30 लाख रुपए खर्च कर 120 टन स्टेबल ब्लीचिंग पॉवडर खरीद रहा है। ये राशि पिछले साल 10 से 15 लाख रुपए थी, क्योंकि तब न चूना पॉवडर डाला जाता था, न ब्लीचिंग पॉवडर। इक्का-दुक्का स्थानों पर पॉवडर डालकर खानापूर्ति कर दी जाती थी। अब सफाई के साथ चूना पॉवडर इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं।
गंदगी दिखने पर कर रहे इस्तेमाल
सड़कों, चौराहे, गलियों, चेंबर, गार्डन सहित अन्य स्थानों पर सफाई कर चूना पॉवडर डाला जा रहा है। इससे खूबसूरती बढ़ती है। मेयर मालिनी गौड़ व कमिश्नर मनीषसिंह के निर्देश पर सफाई पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। जब जिस साजो-सामान की जरूरत हो, उपलब्ध करा रहे हैं। चूने के अलावा ब्लीचिंग पॉवडर का इस्तेमाल शौचालय, बैकलाइन सहित जहां गंदगी दिखे, वहां किया जाता है। इससे मच्छर, मक्खियां व कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं। इस उद्देश्य से निगम बजट में करोड़ों का प्रावधान रखा है, ताकि सफाई व्यवस्था को नंबर वन बनाए रखें।
सीएसआई के वाहनों में साजो-सामान
निगम ने स्वास्थ्य निरीक्षकों (सीएसआई) को जीप उपलब्ध कराई है, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा स्थानों का भ्रमण करें। इनके वाहनों में चूना व ब्लीचिंग पॉवडर के अलावा अन्य सामान रखवाए जाते हैं। इससे जमीनी हकीकत में अब चूना पॉवडर डलने लगा है। पहले ये सिर्फ कागजों में आता था और इसका पैसा नेता व अफसरों की जेब में जाता था। चूना पॉवडर में अपर आयुक्त रहते सुरेंद्रकुमार कथुरिया ने जमकर खेल किया, जिस कारण पॉवडर कभी धरातल पर नहीं आ पाया।
सफाई व्यवस्था बनाए रखेंगे ‘नंबर वन’
शहर को कैसे खूबसूरत बनाएं, इस पर काम कर रहे हैं। रोजाना चूना व ब्लीचिंग ग्राउंड का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि देश-विदेश से आने वाले लोगों के सामने इंदौर नंबर-वन की मिसाल बन सके। आने वाले जनप्रतिनिधि व अफसरों के दल सफाई की दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं। अधिकारी-कर्मचारी के सहयोग से ही ये संभव है। नई-नई प्लानिंग पर भी ध्यान दे रहे हैं।
-मालिनी गौड़, मेयर