20 Apr 2024, 12:35:29 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा-
इंदौर। जिन बिल्डरों के प्रोजेक्ट रियल एस्टेट रेगुलेटिंग एक्ट (रेरा) लागू होने से पहले से चले आ रहे हैं उन्हें रजिस्‍ट्रेशन के लिए भले तीन महीने का वक्त दिया गया हो लेकिन वे पंजीयन न होने तक अपना माल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, मप्र ने सभी वरिष्ठ जिला पंजीयक/ जिला पंजीयकों को आदेश जारी करते हुए ऐसी तमाम रजिस्ट्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार इससे बाजार और ठंडा हो जाएगा। 
 
नियम में किया संशोधन
रेरा 1 मई से लागू हुआ है। इसके तहत 1 मई के बाद से वजूद में आने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए रेरा पंजीयन जरूरी था। वहीं उन प्रोजेक्ट्स को तीन महीने की राहत दी गई थी जो रेरा के लागू होने से पहले से चले आ रहे हैं। इसी बीच रेरा में संशोधन हुआ। तय हुआ कि जो प्रोजेक्ट चले आ रहे हैं उनका पंजीयन भले देर से हो लेकिन वे बिना पंजीयन के माल नहीं बेच सकते। न ही मार्केटिंग कर सकते हैं।
 
बिल्डरों की चालबाजियों से वाकिफ रेरा अथॉरिटी ने इस मामले में कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, मप्र की मदद ली। महानिरीक्षक पंजीयन ने सभी जिला पंजीयकों को एक पत्र (2704/तकनीकी/2017) जारी किया। कहा कि जिला पंजीयक, उप पंजीयक और सर्विस प्रोवाइडर यह सुनिश्चित करें कि अब बिना रेरा पंजीयन के बिल्डर के माल की रजिस्ट्री न हो। 
 
यह रहेंगे मुक्त 
किसी बिल्डर का कोई अनरजिस्टर्ड प्रोजेक्ट हो लेकिन उसमें किसी यूनिट का सौदा वह पहले किसी को कर चुका है और अब वह व्यक्ति अपनी यूनिट का सौदा किसी को कर रहा है तो उसे पंजीयन की जरूरत नहीं होगी। 
 
रेरा ने एग्रीमेंट भी कर दिया तय
- अब तक बिल्डर और खरीदार के बीच जो एग्रीमेंट होता था उसमें बिल्डर अपनी शर्तें थोपता था। इसी को संज्ञान में लेते हुए रेरा ने एग्रीमेंट का प्रारूप भी जारी कर दिया है। इसी प्रारूप के माध्यम से दोनों के बीच विक्रय अनुबंध मान्य होगा। 
- महानिरीक्षक पंजीयन ने अपने लेटर में इसका भी जिक्र किया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार अब यदि कोई व्यक्ति किसी प्रोजेक्ट में बयाना देता है या उसके बाद और रकम जमा करता है, बाद में वह किसी कारण से प्रोजेक्ट में निवेश नहीं करना चाहता तो बयाना को छोड़ बिल्डर को बाकी रकम यथास्थिति लौटाना होगी। 
 
इसलिए जरूरी किया पंजीयन
- जो प्रोजेक्ट्स रेरा लागू होने से पहले से चले आ रहे हैं वे भी रेरा के दायरे में हैं। बशर्ते कंपलिशन सर्टिफिकेट या क्युपेशन सर्टिफिकेट जारी न हुए हो। 
- चूंकि बिल्डर को पंजीयन में तीन महीने की छूट मिल गई थी इसीलिए वे बिना पंजीयन के ही धड़ाधड़ माल बेच रहे थे। रेरा कितने ही नियम बनाए लेकिन जिला पंजीयक स्तर पर बिल्डरों का साथ अच्छे से निभाया जाता है। 
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