विनोद शर्मा-
इंदौर। गोधा इस्टेट के नाम से एक कॉलोनी काट चुके और दूसरी कॉलोनी काटने जा रहे मनीष गोधा का घर ही नहीं, बल्कि इंदौर-देपालपुर रोड पर अवैध पेट्रोल पंप तक तानकर बैठा है। जिस जमीन पर पंप बना है, उसका आधा हिस्सा गांधीनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन पर है तो आधा हिस्सा सर्वे नं. 305 की जमीन पर जिसका तथाकथित पट्टा गोधा परिवार अपने नाम लिखवाए बैठा है। हालांकि के ढाक तीन पात की तरह यहां भी तमाम शिकायतों का अंतत: वही हश्र हुआ जो मनीष की ‘सरकारी’ हवेली के मामले में हुआ था।
पंप को मिली एनओसी भी संदेह के घेरे में : किसी भी पेट्रोल पंप के लिए अलग-अलग दो दर्जन विभागों की अनापत्तियां लगती है। ऐसी ही अनापत्तियां गोधा के पंप को भी मिली है, किंतु ये अनापत्तियां सवालों के घेरे में है। दस्तावेजों के लिहाज से बात करें तो टाउन एंउ कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने 19 सितंबर 2012 को बड़ा बांगड़दा की सर्वे नं. 304/1/1 की 0.170 (1681 वर्गमीटर) जमीन पर पेट्रोल पंप के लिए ले-आउट (5604/नग्रानि/18/12) मंजूर किया था। राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन प्रभा बेवा सुरेश, मनीष पिता सुरेश के नाम दर्ज है। नक्शा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. के नाम से मंजूर हुआ था, जिस पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड इंदौर रीटेल क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी अली असगर के साइन भी है।
अनुमति के अनुसार मंजूरी प्राप्त जमीन के सामने सर्वे नं. 305/3/2 की जमीन है, जो सरकारी है। इसमें मास्टर प्लान में 60 मीटर चौड़े इंदौर-देपालपुर रोड के सेंटर पॉइंट से 30 मीटर दूरी की जमीन भी शामिल है और कुछ अन्य जमीन भी। इन जमीनों पर भी मनीष का कब्जा है। टीएनसी द्वारा अप्रूव ले-आउट के अनुसार मनीष को अपनी जद में ग्रीन बफर या सेपे्रटर आईलैंड बनाना था, जो कि उसने सरकारी जमीन के उस हिस्से में बनाया है जो कि इंदौर-देपालपुर रोड विस्तार का हिस्सा है।
संस्था की जमीन पर अब भी कब्जा
गांधीनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष पद से अनैतिक कार्यों के कारण बेदखल किए मनीष गोधा की संस्था भले सदस्यता सात साल पहले ही समाप्त कर चुकी हो, किंतु संस्था की जमीन पर अब भी गोधा का कब्जा है। इसके दो उदाहरण है। एक गांधीनगर से लगी सरकारी जमीन पर तथाकथित पट्टे और संस्था के आवंटन पत्र से तनी गोधा की हवेली। दूसरा पेट्रोल पंप जो भी संस्था के साथ ही उसी सर्वे नं. 305 की जमीन पर बना है, जिसके एक हिस्से में कोठी बनी हुई है।
सर्वे नं. 307 पर भी है कब्जा
पेट्रोल पंप से लगी जो शराब दुकान है वहीं से सर्वे नं. 307 की जमीन भी शुरू होती है, जो चौराहे तक जाती है। जमीन गांधीनगर हाउसिंग सोसायटी को आवंटित है। इस जमीन पर भी पेट्रोल पंप का भाग बना हुआ है। इसका खुलासा 2014-15 में संस्था की जमीन के सीमांकन के दौरान हुआ था। तभी से शिकायतें कर रहे हैं। एक विभाग नहीं छोड़ा, किंतु हुआ कुछ नहीं। पैसा लेकर अधिकारी मामला दबाकर बैठ गए।
- विक्रमसिंह चौहान, अध्यक्ष, गांधीनगर हाउसिंग सोसायटी