अनिल धारवा / केपी सिंह-
इंदौर। हर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। 742 एकड़ के प्रोजेक्ट में स्मार्ट सड़क के साथ अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। वहीं एमओजी लाइन में री-डेवलपमेंट का ‘मास्टर’ प्लान भी तैयार है, जिसके तहत 23 हेक्टेयर (56.5 एकड़) जमीन चिह्नित की है। कहां क्या बनेगा इसका ‘ब्लू प्रिंट’ तैयार है। 56.5 एकड़ में टोटल बिल्टअप एरिया 6.30 लाख एसक्यूएम (स्क्वेयर मीटर) रहेगा।
इसमें रेसिडेंशियल 4.41 और कमर्शियल 1.26 लाख एसक्यूएम रहेगा। जमीन आवंटन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा है। जहां से हरी झंडी मिलते ही जमीन आवंटन के साथ काम शुरू हो जाएगा। राज्य और केंद्र सरकार को भी प्रोजेक्ट की जानकारी भेजी है।
देंगे एफएआर का फायदा
एमओजी लाइन में वर्तमान में पहचान की भूमि चार टुकड़ों में 56.5 एकड़ है। आवासीय उपयोग में 629 इकाइयां बनाई जाएंगी। 35 व्यावसायिक व सार्वजनिक उपयोग की 39 इकाई होंगी। प्रोजेक्ट में मुआवजे के तहत जमीन के बदले मकान उपलब्ध कराएंगे। एसपीवी के तहत भूमि हस्तांतरण का आवेदन दिया है, ताकि शीघ्र अलॉटमेंट हो।
राजबाड़ा क्षेत्र के 742 एकड़ एरिया का विकास एवं एमओजी लाइन क्षेत्र में री-डेवलपमेंट करना है। एमओजी लाइन की 56.5 एकड़ भूमि का पुर्नपरीक्षण टीओडी आधार पर एवं अतिरिक्त एफएआर का फायदा देते हुए बहुमंजिला का निर्माण प्रस्तावित है।
इन क्षेत्रों को किया शामिल
उधर, प्रशासन ने जो प्रस्ताव भेजा, उसमें साफ कर दिया है जमीन के संबंध में विभागों से शासन स्तर पर अनुमति, सहमति प्राप्त कर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को अंतरण करने के बाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी जाएगी। इसमें खसरा नंबर 827/1/1 में रकबा 7.749 हेक्टेयर में शासकीय आबादी में लोक निर्माण विभाग के क्वार्टर, कृषि विभाग के कार्यालय एवं गोडाउन, शासकीय स्कूल, इंडियन मेडिकल एसो. की खुली भूमि, इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के क्वार्टर्स एवं कार्यालय हैं।
खसरा नंबर 866/1 में रकबा 3.699 में एमओजी लाइन केंद्र की भूमि, 866/2 में रकबा 2.023 में कुक्कुट पालन केंद्र, 866/3 में रकबा 0.919 में श्री वैष्णव पोलिटेकनिक की रिक्त भूमि, 866/4 में रकबा 2.023 में कुक्कुट पालन केंद्र की भूमि है। इस तरह कुल रकबा 16.413 हेक्टेयर है।
ये होंगे काम
एमओजी लाइन री-डेवलपमेंट के तहत पहले फेज में रिक्त जमीन पर जल्द काम शुरू होगा। शुरू में बहुमंजिला भवन बनाएंगे। जो मिश्रित उपयोग के होंगे, यानी आवासीय, व्यावसायिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य व कार्यालय उपयोग होगा। कच्ची बस्तियों के गरीबों को पक्के आवास में शिफ्ट करेंगे। क्षेत्र को मेट्रो शहर के रूप में विकसित करेंगे। लोगों की शिफ्टिंग से लेकर रहने तक की व्यवस्था निगम करेगा। घर नहीं बनते, तब तक किराए के मकान में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
यहां कोर्ट में चल रहा मामला
सर्वे नंबर 838, 839, 840, 841, 842, 843, 844, 845, 846, 847, 848, 849 रकबा 16.47 एकड़ मौके पर रिक्त है, वहीं कुछ भाग पर कच्चे मकान एवं दुकानें अवैध बनी हैं। इसका उच्च न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। सर्वे नंबर 899 रकबा 0.260 पर भवन निर्मित है। सर्वे नंबर 870 रकबा 0.638 हेक्टेयर में मूकबधिर स्कूल है। ये जमीन संस्था को 99 साल की लीज पर दी थी। मौके पर 10 दुकानों का निर्माण होकर व्यावसायिक उपयोग किए जाने से लीज निरस्ती के बाद राजस्व मंडल के निर्देश पर पुन: प्रकरण विचाराधीन है।
ये मिलेगा फायदा
पुनर्विकास में जो व्यक्ति जमीन देगा, बदले में टीओडी के आधार पर अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) का लाभ मिलेगा। यानी, वह अन्य क्षेत्र में प्लॉट पर अतिरिक्त मंजिल बना सकेगा, जिससे आर्थिक लाभ होगा।
प्रोजेक्ट की सराहना
शासन की गाइड लाइन के तहत स्मार्ट सिटी मिशन के लिए अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहे हैं। एमओजी लाइन में री-डेवलपमेंट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। प्लान तैयार कर राज्य व केंद्र सरकार को बताया है, जिसमें इंदौर में चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कामों की सराहना की गई है।
- मनीषसिंह, कमिश्नर, नगर निगम