विनोद शर्मा-
इंदौर। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर मप्र और छत्तीसगढ़ के लिए सेंट्रल एक्साइज का नया खाका खींच दिया गया है। चीफ कमिश्नर, कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स द्वारा हाल ही में जारी आदेश के अनुसार अब डिपार्टमेंट के मप्र में 43 डिविजन, 220 रेंज और 18 ऑडिट कमिश्नरेट के सर्कल होंगे। बड़ा भौगोलिक फेरबदल करते हुए धार जैसे इंदौर कमिश्नरेट के जिले को उज्जैन कमिश्नरेट के ज्यूडिक्शन में दे दिया है। इंदौर कमिश्नरेट में अब सिर्फ इंदौर और देवास जिला ही रहेगा।
जीएसटी 1 जुलाई से लागू होना है। मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस द्वारा 9 जून और 19 जून को जारी किए गए नोटिफिकेशन के आधार पर जीएसटी के अनुरूप कमिश्नरेट और उनके ज्यूडिक्शन का अंतिम प्रारूप जारी किया गया। प्रारूप के अनुसार मप्र और छत्तीसगढ़ की कमान भोपाल जोन के पास यथावत रहेगी।
चीफ कमिश्नर भोपाल के अंडर में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और रायपुर के कमिश्नर के साथ भोपाल, इंदौर और रायपुर के ऑडिट कमिश्नर भी रहेंगे। भोपाल, इंदौर और रायपुर में अपील आयुक्त भी सीसी के ज्यूडिक्शन का हिस्सा होंगे।
अब तक इंदौर के डिविजन थे
अभी पांच डिविजन में बंटा है इंदौर प्रिंसिपल कमिश्नरेट। इंदौर-1, इंदौर-2, पीथमपुर-1, पीथमपुर-2 और सर्विस टैक्स। इसके लिए एक एअरकार्गो (देवी अहिल्या बाई एअरपोर्ट इंदौर) और तीन इनलैंड कंटेनर डिपो हैं- पीथमपुर, खेड़ा और धन्नड़।
इंदौर से प्रिंसिपल कमिश्नर की पोस्ट खत्म। पीथमपुर-1 और पीथमपुर-2 इंदौर कमिश्नरेट के बजाय उज्जैन कमिश्नरेट का हिस्सा होंगे। इसी तरह तीन इनलैंड कंटेनर डिपो में से खेड़ा और पीथमपुर भी उज्जैन में चले गए हैं।
पीथमपुर सहित धार के उज्जैन कमिश्नरेट में जाने से इंदौर कमिश्नरेट को 550 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान होगा। क्योंकि पीथमपुर में आयशर, फोर्स, वीई व्हीकल्स, एवटेक जैसी आॅटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इसीलिए पीथमपुर पर इंदौर कमिश्नरेट के सेंट्रल एक्साइज और कस्टम विभाग का दारोमदार टिका हुआ है।
आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो वित्त वर्ष 2016-17 में सेंट्रल एक्साइज का टारगेट 550 करोड़ था। इसमें करीब 250 करोड़ रुपए पीथपमुर से ही मिले हैं। इसी तरह कस्टम के लिए 440 करोड़ का टारगेट था। इसमें करीब 300 करोड़ रुपए की कस्टम ड्यूटी इनलैंड कंटेनर डिपो पीथमपुर और खेड़ा से मिलती है। ऐसे में 2017-18 में करीब 550 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दोनों मदों में पीथमपुर से मिला है।
कहां कितने डिविजन-रेंज
कमिश्नरेट डिविजन रेंज सर्कल ऑडिट
भोपाल 8 42 6
इंदौर 9 46 6
उज्जैन 8 40 0
जबलपुर 8 42 0
रायपुर 10 50 6
भोपाल कमिश्नरेट के डिविजन अब तक
भोपाल-1, भोपाल-2, सागर-1, सागर-2 और सर्विस टैक्स भोपाल शामिल है।
अब यहां खुलेंगे ऑफिस
भोपाल- हरदा, राजगढ़, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी
उज्जैन - खंडवा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, बुरहानपुर एवं आलीराजपुर
जबलपुर- नृसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, पन्ना, अनूपपुर
कमिश्नरेट/ज्यूडिक्शन
भोपाल- भोपाल, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, बैतूल, सागर, राजगढ़, ग्वालियर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया।
(ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी दतिया का कुछ हिस्सा उज्जैन में था जो अब भोपाल कमिश्नरेट में कर दिया गया।)
इंदौर- इंदौर और देवास
(देवास अब तक उज्जैन कमिश्नेरट में था जो अब इंदौर में है।)
उज्जैन- उज्जैन, धार, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, झाबुआ, आलीराजपुर, आगर मालवा, शाजापुर।
(इंदौर से पीथमपुर सहित धार को हटाकार उज्जैन में शिफ्ट कर दिया।)
जबलपुर- जबलपुर, नृसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, सतना, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, रीवा, दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़।
रायपुर - पूरा छत्तीसगढ़।