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अब तक सरकारी इमारतों पर नहीं लगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2017 4:56PM | Updated Date: Jun 26 2017 4:56PM
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हीरो लालवानी-
संतनगर। बारिश का पानी सहेजने के लिए सरकारी महकमा कितना जागरूक है, इसकी बानगी शासकीय भवनों में देखी जा सकती है। दरअसल, संतनगर की अमूमन सरकारी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। जिसके कारण बारिश का लाखों गैलेन अब की बारिश में भी पानी व्यर्थ बह जाएगा। गिरते भू-जल स्तर से निपटने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य करने वाली वाले नगर निगम की इमारत में ही हार्वेस्टिंगम सिस्टम नहीं लगा है। महज फायर स्टेशन की इमारत में इसका अपवाद है। राजधानी समेत उपनगर में मानसून पूर्व एक्टिविटी शुरू हो गई है। 
 
मानूसन कभी भी दस्तक दे सकता है। बारिश के मौसम में यदि पानी को जमीन में उतारा जाए तो गर्मियों में भू-जल स्तर नहीं गिरता, लेकिन संतनगर और आसपास के क्षेत्रों में इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर उदासीनता सरकारी और आम आदमी है, निजी संस्थानों की इमारतों में इसकी व्यवस्था जरूरी की गई है, लेकिन फायर सब स्टेशन को छोड़कर किसी भी सरकारी इमारत में पानी को सेहजने की व्यवस्था नहीं है।

जागरूकता की कमी    
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। कुछ लोगों को तो इसकी जानकारी ही नहीं है। वहीं कुछ लोग इसकी महत्ता को जानने के बाद भी अनजान बने हुए है। हालांकि कई घरों में छत का पानी जमीन में उतारने की व्यवस्था की है। वन ट्री हिल्स, एयरपोर्ट रोड, लक्ष्मण नगर, निर्मल नर्सरी, एयरपोर्ट रोड में लोगों ने घरों में वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं। लेकिन, पुरानी बसाहट में ऐसा नजर नहीं आता। जिसके कारण बारिश में लाखों गैलेन पानी सालों से व्यर्थ बह रहा है। 
 
नहीं गिरेगा वाटर लेवल 
जल विशेषज्ञों के अनुसार अगर एक कॉलोनी में 100 घर हैं और इनमें से 25 घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है तो उस इलाके में कभी भी जल संकट नहीं हो सकता है। इससे बारिश का पानी छत से सीधे जमीन पर बालू और पत्थर से बने सुरक्षित स्थान पर चला जाएगा। बोर वाले घरों में यदि बारिश का पानी बोर के पास उतारा जाए तो गर्मियों में भी बोर साथ देते हैं।
 
यहां लगा हैं सिस्टम
विद्या सागर पब्लिक स्कूल, नवनिध स्कूल, मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल, वृद्धाश्राम, साधु स्कूल भवन व संत हिरदारामजी की प्रेरणा से चल रहे संस्थानों की इमारतों में छत का पानी जमीन में उतारने की व्यवस्था है। फायर सब स्टेशन पर सालों से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ है।
 
जोन में कभी इस तरह का कोई सर्वे नहीं हुआ है कि कितने घरों और इमारतों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है या नहीं। यह भी जानने की कोशिश नहीं की गई कि भवन अनुज्ञा देते समय वॉटर हॉर्वेस्टिंग की अनिवार्यता पूरी की गई या नहीं। न ही सर्वे की योजना है। बारिश से पहले नगर निगम यदि जागरूकता अभियान चलाए तो बहुत हद तक सफलता मिल सकती है।

इन इमारतों में नहीं लगा सिस्टम
ननि कॉम्प्लेक्स, बैरागढ़ थाना, सिविल अस्पताल,  शा. बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जसलोक स्कूल, गांधीनगर शा. अस्पताल में वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है।
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