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ग्रामीणों को अब गांव में ही मिलेंगी आॅनलाइन सुविधाएं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2017 4:06PM | Updated Date: Jun 26 2017 4:06PM
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अजय सरोज यादव-
इंदौर। इंदौर का डाक विभाग पांच जिलों में आरआईसीटी (रूरल इन्फॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी) प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। जिसका लाभ सैकड़ों ग्रामीणों को मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के मकसद से सरकार ने योजनाएं बनाई हैं। वर्तमान में इन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सरकार के इसी डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत डाक विभाग अब इंदौर सहित आसपास के पांच जिलों के साढ़े तीन हजार डाक घरों को आॅनलाइन सिस्टम से जोड़कर डिवाइस मशीन लगवा रहा है। लाखों रुपए की कीमत रखने वाली यह मशीनें बहुत काम की हैं।

मल्टीपर्पस डिवाइस मशीन
लाखों रुपए कीमत की यह 1874 डिवाइस मशीनें आॅनलाइन होंगी, जो 3561 शाखा डाक घरों से जुड़ी होंगी। इनका एक मेन कम्प्यूटर डिवाइस सिस्टम भी होगा, जो सेंट्रल सर्वर से कनेक्ट रहेगा। इस मशीन से वह सभी काम डाकघरों पर ही हो जाएंगे, जिसके लिए कियोस्क या एमपी आॅनलाइन जाकर कराना होता है। मल्टीपर्पस डिवाइस वाली इन मशीनों में स्कैनर, कैमरा, एटीएम स्वाइप मशीन, कार्ड रीडर, मेमोरी कार्ड, माइक्रो एटीएम, बायोमेट्रिक जैसी तमाम सुविधाएं होंगी। इन मशीनों के साथ दो बैटरी दी जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क व बिजली की समस्या के चलते सोलर प्लांट से इन मशीनों का संचालन होगा। 
 
इन जिलों में शुरू होगा प्रोजेक्ट
’इंदौर, रतलाम, उज्जैन, जबलपुर, खंडवा में एक साथ शुरू होगा प्रोजेक्ट।
’पांच जिलों में कुल 1874 मशीनें ।
’इंदौर में 456 मशीनें।
 
प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी
प्रोजेक्ट की शुरुआत के पहले इन मशीनों को आॅपरेट करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। चूंकि मशीन आधुनिक और बहुउपयोगी हैं, इसलिए इस मशीन को ऑपरेट करने का प्रशिक्षण जरूरी है, ताकि पूरी तैयारी के साथ प्रोजेक्ट शुरू किया जा सके। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद ट्रायल और जुलाई से विधिवत प्रोजेक्ट की शुरुआत हो जाएगी। 
 
ग्रामीण स्तर पर हो जाएंगे कई काम 
इन मशीनों से मनी ऑर्डर, बुकिंग, भुगतान और डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर जैसी सुविधाएं ग्रामीण स्तर पर शुरू की जा रही है। बाद में इसके जरिए एटीएम, कोर बैंकिंग सहित तमाम ऑनलाइन काम डाकघरों में शुरू हो जाएंगे। जिसका लाभ लाखों ग्रामीणों को होगा। अभी तक इन कामों के लिए विद्यार्थियों, महिलाओं और बुजुर्गों को गांवों से निकलकर तहसील और शहरों तक आना पड़ता था। जुलाई से यह सुविधाएं उन्हें स्थानीय डाक घर में ही मिलने लगेंगी।
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