विनोद शर्मा-
इंदौर। अस्पताल बनाने के नाम पर इंदौर के डॉक्टरों ने शहर के भू-माफियाओं को पीछे छोड़ दिया है। एप्पल, सुयश, सीएचएल और भंडारी जैसे अस्पतालों के बाद इसका ताजा उदाहरण सुखलिया के बापट चौराहे पर चल रहा बारोड हॉस्पिटल है। जिन दो प्लॉटों को जोड़कर 50 बेड के इस अस्पताल को डॉ. सुनील बारोड द्वारा ताना गया है उनके दो अलग-अलग नक्शे मंजूर हुए थे। नगर निगम की राजनीति में खासी दखल रखने वाले क्षेत्रीय पार्षद और विधायक से मिले संरक्षण के कारण निगम का मैदानी अमला यहां कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
दो या दो से अधिक प्लॉट को जोड़कर नहीं कर सकते निर्माण
मामला पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर (सुखलिया) के प्लॉट नंबर 28 और 29 एएच पर बने जी+3 बारोड हॉस्पिटल का है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे दावों के अनुसार यह मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल है। सूत्रों के अनुसार जिन दो प्लॉटों पर हॉस्पिटल बना हैं वे शालीग्राम और सुमित्रा देवी बारोड के नाम रजिस्टर्ड है। दो अलग-अलग नक्शे पास होने के बाद भी मप्र भूमि विकास अधिनियम और मास्टर प्लान 2021 के प्रावधानों और नियमों को नजरअंदाज करते हुए मनमाना निर्माण किया गया है। नियमानुसार दो या दो से अधिक प्लॉटों को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता।
मेडिकेअर से इंटरटेनमेंट तक छाए बारोड140, सुखलिया इंदौर के पते पर बारोड इंटरटेनमेंट प्रालि नाम की कंपनी 8 जून 2005 से पंजीबद्ध है। इसमें शालीग्राम बारोड शुरुआती डायरेक्टर हैं। 26 अक्टूबर 2012 में कंपनी में डॉ. सुनील बारोड और सुमित्रा बारोड के साथ संदीप बारोड डायरेक्टर बने। इसी समूह ने 7 सितंबर 2011 को एक और कंपनी बनाई। बारोड मेडिकेअर एंड रिसर्च सेंटर प्रालि में भी यही सब डायरेक्टर हैं। इसी कंपनी के बैनर तले हॉस्पिटल का निर्माण हुआ है। डॉ. बारोड इंडेक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर : 6 जनवरी 2017 को मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमआईसी) द्वारा इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट में भी डॉ. सुनील बारोड का नाम बतौर फैकल्टी शामिल है। डॉ. बारोड यूनिट-3 में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। रिपोर्ट के अनुसार डॉ. बारोड का जन्म 1 मार्च 1980 को हुआ। 2009 में मास्टर आॅफ सर्जन किया। एसएसएमसी रीवा से पीजी किया। इनका पैनकार्ड नं. एएमएमपीबी 88971 है। डॉ. बारोड ने जून 2006 से जून 2009 के बीच एसएसएमसी रीवा में सीनियर रेसीडेंट की पोस्ट पर काम किया। 3 जून 2013 से वे इंडेक्स में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं।
ऐसे स्वीकृत हुए हैं अलग-अलग नक्शे
प्लॉट नं. एएच-28
शालीग्राम व सुमित्रादेवी बारोड
नक्शा : आईएमसी/0634/ जेड5/डब्ल्यू35/2012
स्वीकृत दिनांक : 12 अक्टूबर 2012
हाईट : जी+3
प्लॉट एरिया : 360 वर्गमीटर
कुल बिल्टअप एरिया : 540 वर्गमीटर
प्लॉट नं. एएच-29
शालीग्राम व सुमित्रादेवी बारोड
नक्शा : आईएमसी/0635/जेड5/डब्ल्यू35/2012
स्वीकृत दिनांक : 12 अक्टूबर 2012
हाईट : जी+3
प्लॉट एरिया : 360 वर्गमीटर
कुल बिल्टअप एरिया : 540 वर्गमीटर
दो अलग-अलग मकान हैं एक हॉस्पिटल
आपने दो प्लॉट जोड़कर अस्पताल बनाया है?
- नहीं, दूर से ऐसा दिखता है लेकिन दो अलग-अलग बिल्डिंग है।
नहीं, मौके पर तो ऐसा कुछ है नहीं?
- यकीन मानिए दो अलग-अलग बिल्डिंग है।
एमओएस भी हजम किया?
- नहीं, सामने पूरा एमओएस छोड़ा है।
बेसमेंट भी बनाया है?
- पार्किंग के लिए बेसमेंट तो बनाना पड़ेगा।
अंदर आपका आॅफिस और पैथालॉजी लैब भी चल रही है?
- थोड़ा बहुत है, बाकी में पार्किंग ही है।
- डॉ. सुनील बारोड़, एमडी, बारोड हॉस्पिटल
2014 से 2016 के बीच बना हॉस्पिटल
दोनों प्लॉटों का नक्शा भले अक्टूबर 2012 में मंजूर हुआ हो लेकिन हॉस्पिटल का काम शुरू हुआ 2013-14 में। बिल्डिंग पूरी हुई 2015-16 में। सीएमएचओ से इसका रजिस्टेÑशन (0510/2015) हुआ 2015-16 में।