केपी सिंह-
इंदौर। राज्य सरकार ने रेत उत्खनन पर प्रतिबंध क्या लगाया, शहरी सरकार पर संकट पैदा हो गया है। नगर निगम सीमा में चल रहे विकास कार्यों की रफ्तार पर रेत ने ग्रहण लगा दिया। बात वार्डों की करें, मुख्य सड़कों या अन्य निर्माण कार्यों की। ठेकेदार महंगी रेत खरीदकर कैसे काम करेंगे? जो काम बरसात पूर्व पूरे होने थे, अब दिसंबर तक पूरे होंगे। जोन स्तर पर होने वाले काम पर ‘बुरा’ असर पड़ा है, वहीं योजनाओं की चाल धीमी हो गई।
पूरे वार्ड होंगे प्रभावित
जोनल स्तर पर वार्डों में विकास की रफ्तार थमी है। ड्रेनेज व नर्मदा पाइप लाइन डालना और फिर उस पर निर्माण करना। सीमेंट-कांक्रीट सड़क बनाने सहित अन्य छोटे-बड़े कार्यों पर असर दिखेगा। नगर निगम की चाल थम-सी गई है। हालांकि, अधिकारियों का ध्यान विकास की रफ्तार बनाए रखने पर है, वे ठेकेदारों के साथ बैठक कर काम में तेजी लाने की बात कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो एक वार्ड में 8 से 10 स्थानों पर सड़क बनाने का काम चल रहा है। मतलब 85 वार्डों में 700 स्थानों पर चल रहे कार्यों की रफ्तार थमी है।
ये हैं स्मार्ट सिटी के तीन अहम प्रोजेक्ट
- महूनाका से टोरी कॉर्नर तक 80 फीट चौड़ी व 1.7 किमी लंबी सड़क पर 18.46 करोड़ रुपए लागत का काम तेजी से चल रहा था। ये काम पीडी अग्रवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है।
- व्यास ब्रिज से बड़ा गणपति होते हुए जिंसी बस डिपो तक 100 फीट चौड़ी व 1 किमी लंबी सड़क पर 12.70 करोड़ रुपए खर्च कर काम चल रहा था। ये काम सोम प्रोजेक्ट द्वारा किया जा रहा है।
- बड़ा गणपति से राज मोहल्ला 100 फीट चौड़ी, 600 मीटर लंबी सड़क पर 10.44 करोड़ रुपए लागत से सोम प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा कार्य किया जा रहा है।
- बियाबानी से सुभाष मार्ग तक अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है, जिस पर 9.04 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये काम दीपक एंड कंपनी द्वारा किया जा रहा है। बियावानी से सुभाष मार्ग तक डिवाइडर के साथ ही सेंट्रल लाइटिंग का काम 2.45 करोड़ रुपए से किया जा रहा है।
अफसरों के साथ करेंगे बैठक
विकास के काम बरसात से पहले तेजी से किए जाएं, इसे लेकर कंपनी को आदेश दिए हैं। कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर अफसरों के साथ बैठक करेंगे। -मालिनी गौड़, मेयर