- विनोद शर्मा
इंदौर। शहर की चुनिंदा फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर और इन्वेस्टमेंट एडवायजरी कंपनियों में से एक ट्राईफिड रिसर्च पर कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान सर्विस टैक्स चोरी से जुड़े अहम दस्तावेजी सुराग डिपार्टमेंट के हाथ लगे हैं। प्रारंभिक स्तर पर ही करीब 50 लाख रुपए की कर चोरी का अनुमान लगाया जा रहा है।
सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने गुरुवार दोपहर 3-ए रतलाम कोठी गीताभवन स्थित साकेत टॉवर की पहली मंजिल पर संचालित ट्राईफिड रिसर्च पर छापेमार कार्रवाई करने पहुंची। 2010 में पंजीबद्ध होकर 2013 में एमसीए में पंजीबद्ध हुई कंपनी निवेशकों को टॉप लेवल की फाइनेंशिल एडवाइज देती है। फिर मुद्दा एनएसई-बीएसई से जुड़ी भविष्यवाणी से जुड़ा हो या फिर इक्विटी, फोरेक्स, कोमेक्स, करंसी टीप्स देने का। एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी टीप्स देने के साथ ही कंपनी सब ब्रोकर ट्रेनिंग भी देती है। कंपनी के डायरेक्टर व सीईओ विवेक त्यागी हैं, जबकि सीओओ लिद्या थॉमस हैं।
बड़ी गडबड़ियां जो सामने आई
सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन के लिए जो पता दर्ज कराया गया था, असल में कंपनी वहां संचालित नहीं हो रही है। कंपनी ने अपना ट्रांजेक्शन भी आॅन रिकॉर्ड कम ही बताया है ताकि टैक्स ज्यादा न चुकाना पड़े। कई ऐसे मामले भी डिपार्टमेंट के हाथ लगे हैं, जिनमें उपभोक्ताओं से सर्विस टैक्स तो लिया गया, लेकिन डिपार्टमेंट में जमा नहीं कराया गया।
सालभर पहले ही लिया 42 लाख रुपए का लोन
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अपै्रल 2016 में टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से करीब 42 लाख रुपए का लोन लिया है। इस लोन पेटे कंपनी की संपत्ति भी गिरवी रखी गई है।