- रफी मोहम्मद शेख
इंदौर। एम्प्लाई प्रॉविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) से जुड़े हजारों सदस्य 10 दिनों से अपनी जिंदगीभर की जमा पूंजी को वापस पाने के लिए परेशान हैं। सर्वर बदलने की प्रक्रिया के कारण उन्हें न तो पीएफ का पैसा मिल पा रहा है, न इंश्योरेंस और न पेंशन की राशि। अकेले इंदौर में ही यह राशि 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है जबकि प्रदेश में यह आंकड़ा 40 करोड़ के पार है। यह स्थिति पूरे देश में है।
26 फरवरी के बाद से ईपीएफओ से किसी को पेमेंट नहीं हुआ है। नौकरी छोड़ने या पूरी करने वाले कर्मचारी पैसा नहीं मिलने से परेशान हैं। पीएफ के नियमानुसार कोई महीने में कभी भी रिटायर हो, पेंशन की राशि सप्ताह में ही बैंक में ट्रांसफर की जाती है। वहीं शादी, बीमारी से लेकर अन्य कार्यों के लिए एडवांस की राशि चाहने वाले कर्मचारियों का मामला भी अटक गया है। मप्र के पीएफ कमिश्नर अजय मेहरा का कहना है, सर्वर शुरू होते ही पेमेंट होने लगेंगे।
नहीं चल रहा सॉफ्टवेयर
ईपीएफओ का सर्वर के बदलने के कारण यह दिक्कत पैदा हुई है। जानकारी के अनुसार, 26 फरवरी के बाद से इसका सारा डाटा ट्रांसफर किया जा रहा है, जिस कारण इनका डाटा मैच ही नहीं हो रहा है। ईपीएफओ में वर्तमान में सारे पेमेंट सर्वर में फीड जानकारी के आधार पर सीधे बैंक में भेजे जाते हैं। कर्मचारी से लेकर खातों तक के वैरिफिकेशन से लेकर अन्य जानकारियां इसी आधार पर सत्यापित की जाती हैं। पीएफ से लेकर एडवांस तक की राशि का मूल्यांकन भी कम्प्यूटराइज्ड डाटा से मिलान और सॉफ्टवेयर से किया जाता है।
सदस्यों की संख्या
रीजनल सेंटर संस्थान सदस्य
इंदौर 10,223 16,70,340
भोपाल 7,530 9,51,722
जबलपुर 7,817 16,70,340
ग्वालियर 3,922 4,42,421
उज्जैन 2,100 2,40,618
कुल 40,649 40,58,058
प्रदेश में 40 करोड़ का लेनदेन रुका
पीएफ के इंदौर आॅफिस में प्रतिदिन सभी प्रकार के करीब पांच सौ ज्यादा पेमेंट होते हैं। इस प्रकार दस दिन में पांच हजार प्रकरण पेंडिंग हो गए हैं। अगर प्रत्येक प्रकरण में न्यूनतम 20 हजार रुपए की राशि भी मानी जाए तो यह राशि 10 करोड़ रुपए हो जाती है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार यह राशि कही अधिक है। वहीं पूरे प्रदेश में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का लेनदेन रुक गया है। इसमें राशि सीधे कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर की जाती है और डिपार्टमेंट ने चेक से पेमेंट करने का सिस्टम खत्म ही कर दिया है।