कृष्णपाल सिंह इंदौर। एक ओर जहां शहर को साफ-सुथरा बनाने में जुटे नगर निगम के प्रयासों को रिलायंस फ्रेश जैसे कुछ बड़े संस्थान पलीता लगा रहे हैं। निगम रिकॉर्ड अनुसार शहर में वर्ष 2011-12 में रिलायंस फ्रेश लि. के आउलेट्स खुलना शुरू हुए। एक-एक कर इनकी संख्या नौ तक पहुंच गई, लेकिन अब तक इनमें से एक का भी कचरा प्रबंधन शुल्क जमा नहीं कराया गया, जबकि इनके द्वारा निगम की सेवाएं लगातार ली जा रही हैं। बढ़ते-बढ़ते बकाया राशि 8.50 लाख रुपए तक पहुंच गई। वहीं राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी-कर्मचारी सख्ती से वसूली नहीं कर पा रहे।
50 लाख हुए जमा
निगम द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत शहर के सभी वार्डों में गाड़ियों के जरिए कचरा संग्रहण किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक घर से 60 व दुकान से 90 रुपए प्रतिमाह शुल्क लेना तय किया गया। अब तक इससे निगम खजाने में 50 लाख रुपए से ज्यादा जमा हो गए।
सबसे ज्यादा कचरा रिलायंस फ्रेश से
रिलायंस फ्रेश द्वारा खराब सब्जियों सहित अन्य एक्सपायरी मटेरियल निगम के कचरा वाहन को दिया जाता है। यहां सब्जियों का भंडार रहता है, ऐसे में खराब सब्जियों सहित अन्य कचरा सबसे ज्यादा यहीं से निकलता है। इसे ठिकाने लगाने के लिए निगम के कचरा वाहनों में ही लादकर ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाता है।
ऐसी है बकाया की फेहरिस्त
निगम के रिकॉर्ड मुताबिक शहर में रिलायंस फ्रेश के नौ काउंटर थे, जिनमें से एक गत वर्ष अगस्त माह में बंद हो गया। प्रतिमाह सभी संस्थानों का कचरा प्रबंधन शुल्क 18 हजार रुपए होता है। इस लिहाज से देखें तो सालभर का 2.16 लाख रुपए। इस तरह छह साल से निगम की सेवा लेते आ रहे रिलायंस प्रबंधन पर बकाया राशि 8.50 लाख रुपए हो गई, जिसे चुकाने में कर्ताधर्ता कन्नी काट रहे हैं।
जब्ती-कुर्की की होगी कार्रवाई
कचरा प्रबंधन शुल्क की वसूली के लिए अफसरों को आदेश दिए हैं। शुल्क न देने वालों के खिलाफ जब्ती-कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। -मनीष सिंह, कमिश्नर, नगर निगम
बकायादारों से सख्ती से निपटेंगे
बकायादारों से सख्ती से वसूली की जा रही है। राशि जमा न करने पर जब्ती-कुर्की भी कर रहे हैं। कचरा प्रबंधन शुल्क को लेकर समीक्षा करेंगे। -मालिनी गौड़, मेयर