विनोद शर्मा इंदौर। मिलन गार्डन की जमीन पर आकार ले रही साई शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी की फॉर्च्यून एम्बिएंस इमारत पर महापौर मालिनी गौड़ से लेकर नगर निगम का मैदानी अमला तक मेहरबान है। यही वजह है कि जिस तेजी से शिकायतें हो रही हैं, उसी तेजी से बिल्डिंग बनती जा रही है। इतना ही नहीं, नगरीय प्रशासन अवर सचिव के सख्त पत्र के बावजूद मैदानी अमले ने जांच की औपचारिकता तक पूरी नहीं की। इसीलिए अब बिल्डर के साथ ‘सरकारी भागीदारी’ की बातें भी सामने आने लगी हैं।
एमओएस भी हजम
सूत्रों की मानें तो बिल्डिंग में बैक एमओएस के रूप में जो जमीन छोड़ी जाना थी वहां मंघारमानी बंधुओं ने पार्किंग बेसमेंट में आने-जाने के लिए रैंप बना दिए हैं। इतना ही नहीं सातवीं मंजिल के ऊपर भी टॉवर तान दिए हैं जिनका क्षेत्रफल भी अच्छा खासा है।
मामले की शिकायत लोकायुक्त को भी
शिकायतकर्ता परमानंद सिसोदिया ने नगर निगम और नगरीय प्रशासन विभाग से नाउम्मीद होकर मामले की शिकायत लोकायुक्त को भी की है। सिसोदिया ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जहां लोगों के घरों को बुलडोजर के नीचे रौंदा जा रहा है वहीं स्वीकृति से अधिक निर्माण करने वाले भू-माफियाओं के आगे निगम के सख्ती पसंद अधिकारी मौन क्यों हैं? सालभर से शिकायत कर रहे हैं, अब तक बिल्डिंग की नपती तक नहीं हुई है।
कार्रवाई के लिए लिखा था पत्र
25 अक्टूबर 08 को पंजीबद्ध हुई साई शक्ति कंस्ट्रक्शन प्रालि के डायरेक्टर कृष्णकुमार मंघारमानी, अशोक मंघारमानी, अमित कटारिया और स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर वासुदेव मंघारमानी हैं। कंपनी द्वारा बनाए जा रहे मार्केट के खिलाफ पूर्व पार्षद परमानंद सिसोदिया ने अपै्रल 2016 में शिकायत की थी। 23 अपै्रल 2016 को अवर सचिव, नगरीय प्रशासन ने कलेक्टर को पत्र (1796/2247/2016/18-2) लिखा और जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर की तरफ से डिप्टी कलेक्टर ने 24 मई 2016 को अवर सचिव के पत्र का हवाला देते हुए आयुक्त नगर निगम को चिट्ठी (408/शिकायत/2016) लिखी। इसमें स्पष्ट लिखा था कि जांच कर सात दिन में जांच प्रतिवेदन से कलेक्टर और अवर सचिव को अवगत कराएं। बावजूद इसके आज दिन तक जांच नहीं हुई।
नहीं रुक रहा इमारत का काम
राजधानी तक मामला पहुंचने के बाद भी बिल्डिंग का काम नहीं रुक रहा है। वजह तलाशने की कोशिश की तो पता चला कि बिल्डिंग में निगम के शीर्ष पदाधिकारी की भागीदारी है। उनका बेटा ही पूरा मामला देख रहा है। उसी के निर्देश पर मैदानी अमले ने बिल्डिंग की तरफ जाना ही छोड़ दिया है।