रफी मोहम्मद शेख इंदौर। अगर आपने अपने बच्चों के आधार कार्ड को निश्चित समय में नहीं बदलवाया है तो यह किसी काम का नहीं है। बच्चों की अंगुलियों और आंखों में 5, 10 और 15 साल के बाद बदलाव होता है, इसलिए इसे अपडेट करवाना जरूरी है। अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। खासकर जेईई व नीट जैसी परीक्षाएं देने वाले विद्यार्थियों को अपडेटेड आधार कार्ड के बिना परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है।
देश में 17 साल की उम्र के करीब 2.90 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड हैं, जो कुल का करीब 26 प्रतिशत है। वहीं मप्र में इनकी संख्या 22.30 लाख और इंदौर में 6.23 लाख हैं। आधार कार्ड बनाने वाले यूआईडीएआई के नियम अनुसार जिन बच्चों के पांच साल के पहले आधार कार्ड बनवाए गए थे, उन्हें पांच साल की उम्र में इसे अपडेट करवाना होगा। वहीं 10 व 15 साल के पहले बने कार्ड को भी अपडेट करना जरूरी है। यह नंबर एक बार जारी करने के बाद जिंदगीभर कभी नहीं बदलेगा।
तो जानकारी नहीं होगी मैच
इस बार जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में विद्यार्थियों से आधार कार्ड अनिवार्य रूप से मांगा गया है। सीबीएसई व अन्य संगठन यह कोशिश कर रहे है कि परीक्षा सेंटर पर थम्ब इंप्रेशन से सीधे आधार कार्ड को सर्च किया जाए और उस आधार पर ही विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने की इंट्री दी जाए। ऐसा फर्जीवाड़ा रोकने और वास्तविक विद्यार्थी के ही परीक्षा में शामिल करने के लिए किया जा रहा है।
परीक्षा से हो सकते हैं वंचित
अगर किसी विद्यार्थी के पुराने आधार कार्ड में बॉयोमैट्रिक जानकारी अपेडट नहीं हुई है तो उसकी जानकारी मैच नहीं होगी और उसे परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। इधर एमपीपीएससी, व्यापमं, यूजीसी नेट आदि की परीक्षाओं में भी आधार कार्ड अनिवार्य रूप से मांगा जा रहा है और सीधे थम्ब इम्प्रेशन से ही अटेंडेंस लगाई जाएगी।
बच्चों में आता है बदलाव
चिकित्सा विज्ञान में बच्चों की उम्र में हर पांच साल में विशेष बदलाव आ जाते हैं। इसमें महत्वपूर्ण रूप से उसकी बॉयोमैट्रिक जानकारी बदल जाती है। आधार कार्ड की रीढ़ और महत्वपूर्ण डाटा इसी बॉयोमैट्रिक जानकारी में रहता है। इसमें दोनों हाथों की अंगुलियों व अंगूठे के निशान और आंखों की पुतलियों का इम्प्रैशन भी शामिल रहता है। बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ ही यह 5, 10 व 15 साल की उम्र में बदल जाती है लेकिन 15 साल के बाद यह स्थायी हो जाता है और इसमें खास बदलाव नहीं आता।
खुद जाना पड़ेगा सेंटर
अधिकांश लोगों ने अपने बच्चों के आधार कार्ड तो बनवा लिए है लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि उन्हें समय-समय पर इसमें बदलाव करवाना है। खास बात यह है कि यह काम आॅनलाइन नहीं हो सकता है बल्कि इसके लिए आधार कार्ड के अधिकृत सेंटर पर जाकर ही बदलाव करवाना होगा। चूंकि इसमें बॉयोमैट्रिक जानकारी में बदलाव होता है इसलिए जिसका आधार कार्ड बदलवाना है उसे ले जाने के साथ ही एड्रेस और फोटो प्रूफ भी होना जरूरी है। इस बदलाव में अगर आप पुराने आधार कार्ड में पते या नाम में कोई गलती हो तो उसे भी सुधरवा सकते हैं।