रफी मोहम्मद शेख इंदौर। कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और लेक्चरर की नियुक्ति के लिए जरूरी शर्त स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) की परीक्षा देश में सबसे पहले मप्र में आॅनलाइन होगी। इस परीक्षा के लिए आए कुल आवेदनों में सर्वाधिक लाइफ साइंसेस के विषयों में हैं, जबकि मप्र के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के जितने पद खाली हैं, उसके मुकाबले यह करीब 27 गुना ज्यादा है। वास्तव में इन विषयों की परीक्षा विज्ञान विषयों के लिए अलग होने वाली सीएसआईआर नेट के तहत होती है, जिसमें उतीर्ण होना मुश्किल होता है।
22 फरवरी से होने वाली सेट परीक्षा में कुल 46565 आवेदनों में से लाइफ साइंसेस विषयों में 8170 आए हैं। इन विषयों में मुख्य रूप से जूलॉजी और बॉटनी विषय आते हैं। माइक्रो बॉयोलॉजी, बॉयो केमिस्ट्री, बॉयो इंफरमेटिक्स आदि विषय भी इसमें शामिल हैं।
40 प्रतिशत आवेदन चार विषय में
सेट में इसके बाद अकेले विषय हिंदी में सर्वाधिक 4943 आवेदन आए हैं, जो कुल संख्या का दस प्रतिशत से ज्यादा है। इसी कड़ी में केमिकल साइंसेस में भी 4931 आवेदनकर्ताओं ने फॉर्म भरा है। कॉमर्स जैसे विषय में यह संख्या 4484 है जो करीब 10 प्रतिशत होती है। यानी कुल में से केवल चार विषयों में ही 40 प्रतिशत से ज्यादा फॉर्म जमा हुए हैं। उधर, मैथेमिटिकल साइंसेस में 30 29, सोश्योलॉजी में 2873, इकोनॉमिक्स में 2622 और अंग्रेजी में 2518 विद्यार्थियों ने फॉर्म जमा किए हैं। सबसे कम फॉर्म डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में 56 है।
बाकी विषयों में नियुक्तियां नहीं
यह संख्या इसलिए आश्चर्यजनक है क्योंकि पिछले दिनों मप्र लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के जो खाली पद जारी किए थे, उसमें बॉटनी के 143 और जूलॉजी के 152 थे। यानी कुल पद 295 ही हैं। इसके मुकाबले आवेदनों की संख्या कई गुना ज्यादा है। बाकी माइक्रो बॉयोलॉजी, बॉयो केमिस्ट्री, बॉयो इंफरमेटिक्स आदि विषयों को सेल्फ फाइनेंस विषयों में गिना जाता है, जिसमें सरकारी कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति नहीं की जाती है। इन विषयों को पढ़ाने वाले कॉलेजों की संख्या भी बहुत कम है।
नेट से लगभग दोगुना आवेदन
12 साल बाद होने वाली यह सेट परीक्षा कई मायनों में रिकॉर्ड बनाने जा रही है। यह परीक्षा देश में सबसे पहली होगी, जो आॅनलाइन मोड में होगी। अभी तक अन्य राज्यों में होने वाली सेट की परीक्षाएं आॅफलाइन ही होती है। वहीं इस परीक्षा में रिकॉर्ड आवेदन भी आए हैं, जो प्रदेश में हुई नेट परीक्षा से लगभग दोगुना हैं।