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एडीजी ने पीठ फेरी और लाइन जा पहुंचा सिपाही

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 29 2017 10:30AM | Updated Date: Jan 29 2017 10:30AM
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मुकेश मुवाल इंदौर। लूपलाइन कही जाने वाली डीआरपी लाइन एक सिपाही के लिए सबसे मलाईदार जगह बनी हुई है। अब तक आए सभी आरआई (डीआरपी टीआई) का खास बनने में माहिर इस सिपाही ने अपनी आधी से ज्यादा नौकरी लाइन में ही बिता दी। ड्यूटी टेलर के मुंशी का पद संभाल रहे इस सिपाही की कई बार शिकायतें हुर्इं, लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ा। पूर्व एडीजी ने उसे कंट्रोल रूम अटैच कर दिया था, लेकिन उनके जाते ही वह फिर डीआरपी लाइन में उसी पद पर जा पहुंचा।

ये करता है ड्यूटी टेलर
लाइन में सबसे बड़ा कमाई का खेल मुलजिम पेशी का होता है। कौन सिपाहीो, किस कैदी की कोर्ट पेशी कराएगा, पहले ये ले-देकर तय हो जाता था। कुछ साल से कम्प्यूटर से ड्यूटी लगाने के चलते ये खेल बिगड़ गया तो कुछ ने इसका भी तोड़ ढूंढ़ लिया। इसके इतर, महेंद्र की कमाई का जरिया गार्ड ड्यूटी लगाने की मासिक बंदी है। डीआरपी लाइन से पुलिसकर्मियों की बैंकों में गार्ड ड्यूटी लगाई जाती है।  सूत्र बताते हैं कि सालों से ये काम देख रहा महेंद्र पुलिसकर्मियों की गार्ड ड्यूटी लगाने का प्रतिमाह शुल्क लेता है। बिना परेशानी की आरामदायक इस ड्यूटी के लिए पुलिसकर्मी उसे भुगतान करते हैं। ऐसा 25 से 30 पुलिसकर्मी करते हैं।

जोड़तोड़ करने में है माहिर

हर जिले की पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी रिजर्व रहते हैं। इनसे कैदियों की कोर्ट पेशी, बैंक में गार्डों की ड्यूटी आदि कराई जाती है। लॉ एंड आॅर्डर सहित सामान्य ड्यूटी भी कराई जाती है। समय-समय पर यहां से पुलिसकर्मियों का तबादला थानों व अन्य स्थानों पर भी किया जाता है, लेकिन यहां ड्यूटी टेलर के मुंशी का काम देख रहा कांस्टेबल महेंद्र चंदेल (बैच नं. 2931) इसका अपवाद है। करीब 21 साल के सेवाकाल में वह लाइन में ही पदस्थ है। उसे करीब 10-12 साल पहले खजराना थाने भेजा गया था। वहां 15-20 दिन ड्यूटी करने के बाद जोड़तोड़ कर वह पुन: लाइन आ गया। अपनी नौकरी का ज्यादातर समय उसने ड्यूटी टेलर के मुंशी के रूप में ही बिताया है।

आरआई कोई भी हो, मुंशी एक ही
अब तक की नौकरी में महेंद्र ने कई आरआई देखे, लेकिन उसने सभी से तालमेल बैठा लिया। आरआई मोहित वरवंडरकर के कार्यकाल में महेंद्र की शिकायत तत्कालीन एडीजी विपिन माहेश्वरी तक पहुंची थी। महेंद्र को वहां से हटाकर कंट्रोल रूम अटैच कर दिया गया था, लेकिन पिछले माह एडीजी का तबादला भोपाल हो गया। उनके जाने के कुछ दिन बाद ही वह जोड़तोड़ कर पुन: लाइन जा पहुंचा और पुन: ड्यूटी टेलर के मुंशी का काम संभाल रहा है।

तो तबादला करेंगे
मामले में आपके जरिए जानकारी मिली है। यदि ऐसा है तो पता कर संबंधित सिपाही का तबादला किया जाएगा।
-हरिनारायणचारी मिश्र, डीआईजी

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