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सबको ‘सेट’ करने की नीति पर चल रहे हैं कुलपति

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 28 2017 10:38AM | Updated Date: Jan 28 2017 10:38AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने नियुक्ति के करीब आठ महीने के बाद अब नई नीति पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने अपनों को धीरे-धीरे सेट करने के साथ खासकर कार्यपरिषद सदस्यों को भी उपकृत करने की नीति अपना ली है। सदस्य चंद्रशेखर रायकवार तो उनके खास हैं ही अब पद्मश्री कुट्टी मेनन को कार्यपरिषद में बिना रोक-टोक मानद उपाधि देने का प्रस्ताव पास हो गया। यह संभवत: पहला मौका होगा, जबकि किसी कार्यपरिषद सदस्य के लिए ही ऐसा कर लिया गया हो।

शुक्रवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में वर्तमान में कार्यपरिषद सदस्य कुट्टी मेनन को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव लाया गया और वह पारित भी हो गया। इसके पीछे उनकी विशेष सेवाओं को आधार बनाया गया है। यह प्रस्ताव भी रायकवार ने रखा। सामान्यत: वर्तमान सदस्य के लिए ऐसे प्रस्ताव नहीं लाए जाते हैं। हालांकि यह सेवाएं उनके कार्यपरिषद सदस्य रहते हुए अचानक सामने आईं या फिर पहले वाली सेवाओं के लिए ऐसा किया जा रहा है, यह साफ नहीं हो पा रहा है।

निर्णयों में विशेष भूमिका
इसके पहले उनका कार्यपरिषद सदस्य चंद्रशेखर रायकवार के साथ प्रेम जगजाहिर है। रायकवार इससे पहले अपने क्लाइंट रहे अभिनेता धर्मेंद्र को मानद उपाधि का प्रस्ताव ला चुके हैं, तो उसके साथी ही उन्होंने प्रतिदिन होने वाले विरोध के बावजूृद साऊफेस्ट में उसी परिवार की अभिनेत्री-सांसद हेमा मालिनी का 25 लाख रुपए खर्च कर कार्यक्रम रखवा लिया है।

पहले तय हुए थे पांच नाम
उधर, यूनिवर्सिटी ने पिछली बार पांच ख्यातनाम हस्तियों के नाम मानद उपाधि के लिए तय किए थे। इनमें अभिनेता धर्मेंद्र, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात शायर राहत इंदौरी, कवि नरहरि पटेल और गायक प्रहलाददास टिपाणिया को यह देने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन यूनिवर्सिटी इसमें से किसी को भी यह नहीं दिला पाई। अब फिर से नया नाम ले लिया गया और पुराने नामों में से केवल एक ही सामने आया। वास्तव में यूनिवर्सिटी द्वारा मानद उपाधि के लिए की जाने वाली प्रक्रिया ही नहीं की गई थी।

बड़े डिपार्टमेंट पर नजर
अब कुलपति ने धीरे-धीरे सब स्थानों पर अपने आदमी फिट करना शुरू कर दिए हैं। पहले किसी को भी नहीं बदलने की बात करने वाले कुलपति ने इसके लिए भले ही वक्त लिया है, लेकिन बड़े डिपार्टमेंट्स से लेकर बड़ी कमेटियों तक में बदलाव कर दिया है। यूनिवर्सिटी के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले मूल्यांकन सेंटर पर उन्होंने अपने आदमी फिट किए तो आईएमएस जैसे डिपार्टमेंट को भी कब्जे में लिया। वहीं डेवलपमेंट विभाग से लेकर फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट व सीईटी की नई कमेटी तक में उन्होंने बदलाव कर लिया है। अब आगे आईआईपीएस, आईईटी, कम्प्यूटर सेंटर जैसे बड़े डिपार्टमेंट पर भी नजर रखी है।

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