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कन्यादान में मिला था मकान, तीन पीढ़ियां पलीं, फिर बेघर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 24 2017 10:13AM | Updated Date: Jan 24 2017 10:13AM
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कृष्णपाल सिंह इंदौर। माता-पिता द्वारा बच्चों को दी गई हर चीज काफी कीमती होती है, वह उसे जीवनभर नहीं भूलता है, लेकिन वही चीज कोई छीन ले तो बच्चे के दिल पर क्या बीतती है, यह दु:ख 80 वर्षीय दुर्गा बाई ही जानती हैं। सड़क चौड़ीकरण को लेकर गणेशगंज में नगर निगम ने दुर्गा बाई का मकान भी ध्वस्त कर दिया। यह मकान उन्हें उनकी मां तुलसी बाई ने 65 साल पहले उन्हें कन्यादान में दिया था, जो उनका पुश्तैनी मकान था। इसमें उनकी तीन पीढ़ियां पली जो अब बेघर हो गई। रविवार को जो 145 आशियाने उजाड़े गए, उनमें पोकलेन मशीन का पहला पंजा दुर्गा बाई के मकान  पर ही चला। निगम ने उनसे मां की निशानी छीन ली।

मेरे लिए मंदिर था यह मकान
आंखों में आंसू लिए दुर्गा बाई कहती हैं, यह मेरे लिए सिर्फ घर नहीं, मां की निशानी, प्यार, आशीर्वाद था। सच कहूं, तो मंदिर था। सोचा था कि मेरे जाने के बाद भी बच्चे आने वाली पीढ़ियों से इतराकर यह बात कहेंगे कि हमारी नानी ने हमारी मां के कन्यादान में यह मकान दिया था।

200 साल पुराना था अशियाना
10 बाय 60 साइज का दुर्गा बाई यह मकान 200 साल पुराना होलकरकालीन रजिस्ट्री का था। सोमवार को दुर्गा बाई मकान के मलबे पर बैठी थीं और उनकी आंखें नम थीं।

परिवार में हैं 13 सदस्य : दुर्गा बाई के परिवार में 13 सदस्य हैं, सभी का जन्म इसी मकान में हुआ है। बेटे मनोज, महेश, मनीष के साथ परिवार के अन्य सदस्य उर्मिला, पूजा, सावित्री और छह पोते-पोतियों के साथ इस मकान में गुजारे एक-एक पल अब याद बनकर रह गए हैं।

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