अनिल धारवा इंदौर। बायपास पर मिर्जापुर स्थित रामजी वाटिका फेस-2 के रहवासी कॉलोनी का विकास नहीं होने का दर्द सह रहे हैं। कॉलोनाइजर ने कॉलोनी तो काट दी, लेकिन विकास नहीं किया। हालत यह है कि वहां बिजली, पानी, ड्रेनेज सहित अन्य सुविधाओं का अभाव है। कॉलोनाइजर ने गार्डन से अवैध रूप से बिजली लेकर लोगों के अशियाने रोशन कर दिए। इसके बदले में वह रहवासियों से 700 रुपए महीना वसूल रहा है।
मिर्जापुर में कॉलोनाइजर ने रामजी वाटिका फेस-2 का विकास 2006 के आसपास शुरू किया था। हालांकि इससे पहले ही यहां प्लॉटों की बुकिंग से लेकर खरीदी शुरू हो चुकी थी। विकास अनुमति मिलते-मिलते काफी प्लॉट बिक चुके थे। विकास अनुमति मिलने के कुछ समय बाद अधिकारियों ने कॉलोनाइजर से संबंध निभाते हुए बगैर मौका निरीक्षण के कॉलोनी को कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। बाद में कॉलोनाइजर ने विकास किया ही नहीं।
ऊंचे दाम चुकाने को मजबूर रहवासी
400 प्लॉटों वाली इस कॉलोनी में विकास नहीं होने से कुछ ही प्लॉटवालों ने यहां मकान बनाए हैं। जब इन्होंने दबाव बनाया तो कॉलोनाइजर ने गार्डन को रोशन करने वाले कमर्शियल कनेक्शन से रहवासियों को अस्थायी कनेक्शन बांट दिए। बदले में हर महीने 700 रुपए ले रहा है। मजबूरी में रहवासी भी विरोध नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में होने के बाद भी ऊंचे दाम पर बिजली लेना अब उन्हें अखरने लगा है।
लोगों को प्रशासन से जागी उम्मीद
कलेक्टर पी.नरहरि ने धोखाधड़ी करने वाले कॉलोनाइजर और बिल्डरों पर नकेल कसी है। ऐसे में रामजी के भरोसे रहने वाले रहवासियों को भी कलेक्टर से उम्मीद है कि वे उनकी पीड़ा दूर करेंगे। कॉलोनाइजर की वादाखिलाफी और धोखाधड़ी से राहत दिलाने के साथ ही अधूरे विकास कार्य भी पूरे कराए जाने के लिए वे सख्त कार्रवाई करेंगे।