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एक्स-रे मशीन: 70 प्रतिशत अस्पतालों में नहीं क्वालिटी इंश्योरेंस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 21 2017 10:14AM | Updated Date: Jan 21 2017 10:14AM
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अनुप्रियासिंह ठाकुर इंदौर।शहर के कई बड़े सरकारी व निजी अस्पताल वर्षों से बीमार एक्स-रे मशीनों के जरिये मरीजों का इलाज करते आ रहे हैं। इसका खुलासा एटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड (एईआरबी) की टीम द्वारा एमवायएच, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय सहित कई निजी अस्पतालों पर की गई छापामार कार्रवाई से हुआ। हालांकि कई सरकारी अस्पताल इस कार्रवाई से अछूते रह गए, जिनमें जिला अस्पताल भी शामिल है। बताते हैं 70 फीसदी अस्पतालों में अब तक इन मशीनों का एक भी बार क्वालिटी इंश्योरेंस नहीं लिया गया।

सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे मशीन की स्थिति पर एक नजर

जिला अस्पताल- एक मशीन, 25 वर्ष पुरानी। न लाइसेंस, न ही क्वालिटी इंश्योरेंस।
मनोरमा राजे टीबी हॉस्पिटल- दो मशीन, करीब 20 वर्ष पुरानी। दोनों का ही लाइसेंस नहीं।
पीसी सेठी हॉस्पिटल- एक मशीन, 15 वर्ष पुरानी। शुरुआत से ही क्वालिटी इंश्योरेंस नहीं।
मल्हारगंज पॉलिक्लिनिक- दो मशीन, टीबी सेंटर की मशीन 1987 से संचालित, जबकि पॉलिक्लिनिक में 1984 से मशीन काम कर रही है। दोनों ही बगैर लाइसेंस।
मांगीलाल चूरिया हॉस्पिटल- एक मशीन, 1984 से बगैर नियमों के संचालित।
कमलाकांत मोदी डिस्पेंसरी- एक मशीन, 20 साल पुरानी।

बस, जैसे-तैसे काम कर रहे हैं
जिला अस्पताल की मशीन करीब 25 साल पुरानी है। वर्षों से इस मशीन को संचालित करते आ रहे रेडियोग्राफरों का कहना है इससे निकलने वाली रेज काफी हानिकारक हैं, लेकिन हम जैसे-तैसे काम कर रहे हैं। यह किसी भी तरह से एईआरबी के नियमानुसार नहीं है, जबकि रोज 60 से 70 मरीजों के एक्स-रे किए जाते हैं। हमने नई मशीन के लिए आवेदन दिया है।

70 फीसदी मशीनों के लाइसेंस नहीं
रेडियोग्राफर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष शिवाकांत वाजपेयी के मुताबिक शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में लगी एक्स-रे मशीनों में से करीब 70 प्रतिशत का लाइसेंस नहीं है। न ही क्वालिटी इंश्योरेंस किया गया, जबकि हर तीन साल में प्रबंधन को यह प्रक्रिया पूरी करना चाहिए, जो आॅनलाइन है। बगैर लाइसेंस की मशीनों का उपयोग करना अमानवीय अपराध है और इसमें सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

ये हैं एईआरबी के मापदंड
लाइसेंस, क्वालिटी सर्टिफिकेट एक्स-रे रूम के बाहर ही चस्पा होना चाहिए।
प्रशिक्षित स्टाफ हो।
लेड एप्रिन होना जरूरी।
टीएलटी बैच हो।
एक्स-रे रूम का साइज बड़ा होना  चाहिए।
खिड़कियां बंद रहें।
सुरक्षा के इंतजाम होना जरूरी।
एक्स-रे रूम की दीवार नौ इंच मोटी हो।
एक्स-रे रूम के दरवाजे पर दो एमएम की लेड की कोटिंग हो।

सिर्फ इन तीन अस्पतालों में है लाइसेंस
स्वास्थ्य केंद्र मानपुर
स्वास्थ्य केंद्र सांवेर
स्वास्थ्य केंद्र महू
(ये सभी मशीनें छह महीने पुरानी हैं।)

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