19 Mar 2024, 13:26:30 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

रफी मोहम्मद शेख इंदौर। मैनेजमेंट गुरु माने जाने वाले इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मैनेजमेंट इंदौर (आईआईएमएम) द्वारा सरकारी सहित विभिन्न गैर सरकारी प्रोजेक्ट को दी जाने वाली कंसल्टेंसी की आय लगातार बढ़ रही है। इस साल आय पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत बढ़ गई है, जो 2013-14 के मुकाबले दो गुना से ज्यादा है।

जानकारी के अनुसार आईआईएम इंदौर ने इस साल अपने द्वारा दी जाने वाली कंसल्टेंसी से करीब 12 करोड़ रुपए कमाए हैं, जबकि अभी वित्तीय वर्ष खत्म होने में करीब ढाई माह बचा है। इस आय की पिछले साल से तुलना करें, तो इसमें करीब तीन करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। पिछले साल आईआईएम ने इससे नौ करोड़ रुपए कमाए थे।

बीसीएफ जैसे संस्थान
आईआईएम ने 2013-14 में कंसल्टेंसी के विभिन्न प्रोजेक्ट्स से पांच करोड़ 76 लाख 72 हजार रुपए की आय अर्जित की थी। इसके अगले सत्र 2014-15 में संस्थान ने इस मद से छह करोड़ 63 लाख नौ हजार रुपए कमाए। इस हिसाब से इस साल यह आय लगभग दो गुना तक हो गई है। इससे न केवल आय बढ़ी, बल्कि उसके साथ ही प्रोजेक्ट लेने वाले संस्थानों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है। इसमें सरकारी के साथ अन्य संस्थान भी शामिल रहे हैं। इस साल आईआईएम ने बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स सहित काया स्किन जैसे प्रोजेक्ट पर अपनी कंसल्टेंसी दी।

आय में महत्वपूर्ण योगदान
आईआईएम की आय में कंसल्टेंसी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। आईआईएम के प्रोफेसर्स के साथ ही यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मैनेजमेंट गुरु के रूप में माना जाता है। इससे कई संस्थान अपने यहां चल रहे प्रोजेक्ट या नया काम शुरू करने में इनकी सलाह लेते हैं, ताकि उसे सही तरह से चलाया जा सके। आईआईएम के प्रोफेसर्स व विद्यार्थी न केवल मैनेजमेंट के फंडों, बल्कि उसके साथ ही बाजार में चलन आदि पर की गई रिसर्च के आधार पर भी इनकी मदद करते हैं।

अलग कंसल्टिंग क्लब
विद्यार्थियों का एक अलग कंसल्टिंग क्लब भी चलाया जाता है। इसमें लाइव प्रोजेक्ट तो कई इवेंट के आयोजन भी यह क्लब करता है। वहीं, इंडस्ट्री के लिए वर्कशाप आदि का आयोजन भी इसके द्वारा किया जाता है। 2013-14 से क्लब ने प्रोफेशनल प्रोजेक्ट में इनोवेटिव एनालिसिस का काम भी शुरू किया है। कई इंडस्ट्री इसमें मदद ले रही है। इसका उद्देश्य विभिन्न माध्यमों से विद्यार्थियों को नया एक्सपोजर दिलाना भी है। पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम के विद्यार्थी मूलत: इस क्लब से जुड़ते हैं और उस आधार पर उन्हें अच्छे प्रोजेक्ट भी मिलते हैं, जो उनकी पढ़ाई के बाद उनके प्लेसमेंट में भी मदद करते हैं।

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