अनिल धारवा इंदौर। देश के अलग-अलग शहरों में नोटबंदी के दौरान कंपनियों के माध्यम से करोड़ों के कालेधन को सफेद करने वाले शरद दरक बंधुओं पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। विभाग द्वारा पिछले दिनों एक को-आॅरेटिव बैंक पर की गई कार्रवाई के दौरान मिली 2.5 करोड़ की हुंडी पर्ची से दरक बंधु निशाने पर आ गए हैं। अफसर अब बैंक मैनेजर और दरक बंधु के बीच रिश्ते की डोर को भी खंगाल रहे हैं।
अफसरों ने इकट्ठा की जानकारी
दरअसल आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने पिछले दिनों एक को-आॅपरेटिव बैंक पर कार्रवाई के दौरान बैंक मैनेजर की जेब से 2.5 करोड़ की हुंडी पर्ची बरामद की थी। यह पर्ची शहर के हुंडी कारोबारी शरद दरक की थी। इसी पर्ची को आधार बनाकर जब आयकर अफसरों ने दस्तावेजों को खंगाला तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इसके आधार पर बैंक से जब्त हुए तमाम दस्तावेजों में अफसरों ने दरक से जुड़े खातों की जानकारी इकट्ठा की। अब दरक बंधुओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
नोटबंदी के बाद खुले रिश्तेदारों के खाते
सूत्रों के मुताबिक, 8 अक्टूबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद दरक बंधुओं ने को-आॅपरेटिव बैंक के मैनेजर से सांठगांठ कर अपने रिश्तेदारों के नाम से अलग-अलग करीब एक दर्जन से अधिक करंट अकाउंट खुलवाए थे। इन खातों की भी पड़ताल की जा रही है।
350 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन
इन तमाम खातों के माध्यम से दरक ने नोटबंदी के दौरान बैंक मैनेजर और बैंक के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर 350 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन कर कालेधन को सफेद किया। सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग इन्वेस्टिगेशन विंग ने इन तमाम फर्जीवार्ड़ों से जुड़े दस्तावेजों को जुटाना शुरू कर दिया है।
ससुराल पक्ष के नाम के भी खाते
दरक ने सबसे ज्यादा खाते सुसराल पक्ष (मालपानी) के नाम से खुलवाए थे। इतना ही नहीं, इसके आलावा बैंक में त्रिमूर्ति, पूर्वी और ईस्ट बेस्ट कंपनी के नाम से दरक बंधु पहले ही खातों का संचालन कर रहे हैं।