ललित उपमन्यु इंदौर। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के मंडल कार्यालय क्रमांक 4 (एबी रोड, इंडस्ट्री हाउस के पास) में फर्जी बीमा पॉलिसियों का बड़ा घपला पकड़ में आया है। इसमें एक ही नंबर की दो-दो पॉलिसियां बाजार में जारी हो गईं। इनमें एक असली है और दूसरी नकली। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। पूर्व में शिकायत आई तो अफसरों ने मामला दबा दिया था। हाल ही में चार फर्जी पॉलिसियां फिर पकड़ में आईं। मामले में अब जांच शुरू हुई है।
चार फर्जी पॉलिसियों में दो हैप्पी फैमिली मेडिक्लेम की हैं और बाकी व्हीकल पॉलिसी हैं। इनमें हैप्पी फैमिली वाली पॉलिसियां जब रिन्यू होने आईं तो इनके नंबर देखकर स्टाफ को शक हुआ। कम्प्यूटर पर दोनों पॉलिसियों का लेखा-जोखा जांचा गया तो पकड़ में आया कि इसी नंबर की दो पॉलिसियां पहले ही बाजार में हैं। वो किन्हीं और नाम से हैं और वो ही असली हैं क्योंकि उन्हें विभाग ने जारी किया है।
पॉलिसियां रिन्यू होने आई तो मामला हुआ उजागर
अफसर और रिश्तेदार पर शक
पूरे घपले में विभाग के ही एक अफसर और उसके रिश्तेदार पर शक है। अफसर का रिश्तेदार सिटी सेंटर स्थित एक ब्रोकर कंपनी में काम करता है जो बीमा का काम भी करती है। अभी तक जो फर्जी पॉलिसी पकड़ में आई हैं वो इसी कंपनी ने जारी की हैं। चूंकि मामला एक अफसर से जुड़ा है लिहाजा कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। हालांकि दस्तावेज घपले की पूरी कहानी बोल रहे हैं। अब इन्हें उच्च स्तर पर बढ़ाया जा रहा है।
14 पॉलिसियां पकड़ में आर्इं
प्राथमिक जांच में करीब 14 फर्जी पॉलिसियों का पता चला है जिन्हें जांच में लिया जा रहा है। कंपनी में फर्जी पॉलिसी का यह रैकेट लंबे समय से चल रहा है और इसके माध्यम से कंपनी को बड़ी चपत लगाई जा चुकी है। अगर ये पॉलिसियां भी रिन्यू होने नहीं आतीं तो संभवत: पुराने की तरह इस मामले को भी दबा दिया जाता।
जुलाई में भी सामने आया था मामला, तब पुलिस में हुई थी शिकायत
फर्जी पॉलिसी का एक मामला जुलाई 2016 में भी पकड़ में आया था। तब अंजू संचेती नामक महिला ने अन्नपूर्णा थाने में शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी फर्म का बीमा करवाया था लेकिन पहले तो लंबे समय तक उन्हें पॉलिसी ही नहीं दी गई। जब ज्यादा दबाव बनाया तो वाट्सऐप पर एक पॉलिसी भेज दी गई जिस पर न तो पॉलिसी नंबर था, न एजेंट कोड, न नाम। पकड़ में आईं दो पॉलिसियां भी इसी परिवार की हैं।
रीजनल आॅफिस भेजी है जांच
हमारे यहां दो फर्जी पॉलिसियां पकड़ में आई हैं। उन्हें जांच के लिए रीजनल आॅफिस भेजा गया है। वहां जांच अधिकारी नियुक्त हो गए हैं।
- मुरली अरोरा, मंडल प्रबंधक
जल्दी करेंगे खुलासा
हां, फर्जी पॉलिसी मिली हैं। जांच के आदेश दिए हैं। किसी ने कंपनी के पोर्टल का दुरुपयोग कर ये पॉलिसियां जारी की हैं। जिन्हें पॉलिसियां जारी की गई हैं, उन्हें जांच के लिए बुलाया है, ताकि पता चल सके कि उन्होंने ंपॉलिसी किससे ली थी। जल्दी ही सारे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
- डॉ. एम.एस. कुमार, मंडल प्रबंधक, ओरिएंटल इश्योरेंस कंपनी