रफी मोहम्मद शेख इंदौर। 12 साल बाद प्रदेश में हो रहे कॉलेज और यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर व लेक्चरर के लिए जरूरी स्टेट एलिजिबिटी टेस्ट में आखिरी दिनों में ही जबर्दस्त क्रेज रहा। फॉर्म भरने की आखिरी तारीख को साढ़े 12 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन फॉर्म जमा किए, जबकि आखिरी दस दिन में ही कुल साढ़े 46 हजार फॉर्म में से 40 हजार से ज्यादा फॉर्म जमा हुए हैं। दो चरणों में होने वाली इस परीक्षा का पहला पेपर भी दो दिनों में पूरा होगा, जिसमें अलग-अलग विषयों के ग्रुप बनाए जा रहे हैं।
मप्र लोक सेवा आयोग ने 15 दिसंबर से इसका फॉर्म जमा करना शुरू किया था। पहले दिन मात्र 20 फॉर्म जमा हुए थे। इसके बाद 24 दिसंबर तक फॉर्म भरने का आंकड़ा कभी भी एक हजार से ऊपर नहीं गया, जबकि पूरे प्रदेश से फॉर्म भरे जा रहे थे और यह प्रक्रिया आॅनलाइन थी। 24 दिसंबर को प्रतिदिन यह संख्या बढ़ते हुए 968 तक पहुंच गई थी, किंतु 25 दिसंबर को यह कम होकर 769 तक रह गई थी। इस प्रकार कुल 11 दिन में मात्र 6 हजार 79 फॉर्म ही जमा हुए थे।
हर दिन दो गुना तक
अंतिम दस दिन में इस परीक्षा का क्रेज अचानक बढ़ा और पूरे प्रदेश से हमेशा एक हजार से ऊपर फॉर्म ही जमा हुए। अंतिम दिनों में तो यह फॉर्म लगभग दोगुना तक जमा हुए। 26 दिसंबर को 1393 फॉर्म जमा हुए, तो 27 दिसंबर को 1503 फॉर्म का आंकड़ा था। 2 जनवरी को यह आंकड़ा 3 हजार छह सौ 64 तक पहुंचा। 3 जनवरी को यह बढ़कर 5 हजार चार सौ हो गया, तो फॉर्म भरने के एक दिन पहले यह आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 8 हजार पांच सौ 48 हो गया।
अंतिम दिन रिकॉर्ड फॉर्म
5 जनवरी को फॉर्म भरने की आखिरी तारीख थी। इस दिन रिकॉर्ड ही बन गया। जितने फॉर्म आरंभ के 11 दिन में जमा नहीं हुए थे, उसके लगभग दो गुना फॉर्म आखिरी दिन एक ही दिन में जमा हो गए। इस दिन फॉर्म जमा होने का आंकड़ा 12 हजार सात सौ 16 रहा। इस प्रकार कुल 46 हजार फॉर्म में से 40 हजार पांच सौ 15 फॉर्म, तो अंतिम 10 दिन में ही जमा हुए। शहरों के अनुसार देखा जाए, तो इंदौर से सबसे ज्यादा 11 हजार तीन सौ 68 फॉर्म जमा हुए हैं। भोपाल से फॉर्म जमा करने का आंकड़ा नौ हजार तीन सौ 42 रहा है।
दो चरणों में पहला पेपर
एमपीपीएससी इस परीक्षा को दो चरणों में करवाएगा। पहला पेपर टीचिंग एंड रिसर्च एप्टिट्यूट को निश्चित किए गए। सभी सात शहरों में आयोजित किया जा रहा है, किंतु इसमें भी नया ट्विस्ट रहेगा। यह परीक्षा भी दो दिन में दो चरणों में होगी। इसमें पहले दिन में आर्ट्स एंड लॉ से संबंधित विषयों की परीक्षा होगी, जबकि दूसरे दिन साइंस और कॉमर्स से संबंधित विषयों क परीक्षा ली जाएगी। इस प्रकार कुल 19 विषयों को दो भागों में बांट दिया जाएगा। यह व्यवस्था साढ़े 46 हजार विद्यार्थियों को आधे-आधे बांटने के लिए हिसाब से किया जाएगा।
अधिकतम 25 हजार ही
परीक्षा सेंटर पर एक दिन में अधिकतम 25 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों की परीक्षा नहीं ले सकते। अब यह व्यवस्था की गई है कि कुल विद्यार्थियों को ऐसा बांटा जाए कि सभी का पहला पेपर अलग-अलग दो दिन में पूरा हो जाए। उन्हें अपने विषय के पेपर देने के लिए इंदौर या भोपाल ही आना पड़ेगा। अब इसमें तीसरा सेंटर जबलपुर को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है।
आखिर में ऐसे बढ़ा आवेदन का क्रेज
26 दिसंबर 1393
27 दिसंबर 1503
28 दिसंबर 1440
29 दिसंबर 1600
30 दिसंबर 1561
31 दिसंबर 1430
01 जनवरी 1201
02 जनवरी 3664
03 जनवरी 5400
04 जनवरी 8548
05 जनवरी 12716
तय किया जा रहा
अभी अंतिम रूप से सब कुछ तय किया जा रहा है। जल्दी ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। फरवरी में इसकी परीक्षा लेना प्रारंभिक रूप से तय किया है।
- डॉ. संध्या भार्गव, परीक्षा नियंत्रक - सेट, एमपीपीएससी