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विवि ने उर्दू के पेपर में छह बार दोहराई ‘दास्तान’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 12 2017 11:07AM | Updated Date: Jan 12 2017 11:07AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। बीए थर्ड सेमेस्टर उर्दू लिटरेचर के पेपर में यूनिवर्सिटी अचानक विद्यार्थियों पर मेहरबान हो गई। गत दिनों हुए इसके एक पेपर में पेपर सेटर को पहले यूनिट ‘सिन्फे दास्तान’ इतनी पसंद आई कि उन्होंने एक ही प्रश्न एक-दो बार नहीं बल्कि पूरे छह बार पूछ लिया। इस चक्कर में दो यूनिट के प्रश्न पूछना ही भूल गए। विद्यार्थियों ने पेपर तो दे दिया लेकिन उसके बाद की गई शिकायत के आधार उन्हें बोनस अंक देने की तैयारी की जा रही है।

7 जनवरी को बीए थर्ड सेमेस्टर उर्दू लिटरेचर का पेपर था। दोपहर की शिफ्ट में जैसे ही उर्दू नस्र नामक पेपर शुरू हुआ पेपर देने वाले विद्यार्थी चकरा गए। पहली यूनिट दास्तान, नाविल व अफसाना से संबंधित प्रश्नों की थी। पेपर सेटर ने पूरे पेपर में इसके पूरे छह प्रश्न पूछ डाले। वैकल्पिक से लेकर दीर्घउत्तरीय तक इसके इसके प्रश्न थे।

दूसरी-तीसरी गायब

इस प्रश्न के सिलेबस में दूसरी यूनिट निसाब दास्तान निगारों और नाविल निगारों की थी, जबकि तीसरी यूनिट निसाब अफसान निगारों से संबंधित थी। यह दोनों यूनिट के भी 17-17 नंबर की थी। लेकिन पहली यूनिट दास्तान में मग्न हुए पेपर सेटर इन दोनों के यूनिट के प्रश्न पूछना ही भूल गए। इस प्रकार पूरे 51 नंबर के प्रश्न पहली यूनिट से ही पूछ लिए गए। विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत परीक्षा हॉल में ही की लेकिन प्रोफेसर्स ने यूनिवर्सिटी में शिकायत करने को कहा।

छह प्रश्न मिलते-जुलते पूछ लिए
कुल 85 नंबर का पेपर

उर्दू लिटरेचर न केवल इंदौर के ओल्ड जीडीसी, न्यू जीडीसी व इस्लामिया करीमिया कॉलेज में चलता है बल्कि उसके साथ बुरहानपुर, खरगोन, खंडवा, धार आदि कॉलेजों में भी विद्यार्थी हंै। उर्दू नस्र का ये पेपर कुल 85 नंबर का है और पांच यूनिट में बंटा है। यह पेपर तीन भागों में बंटा रहता है। पहले भाग में आॅब्जेक्टिव टाइप के10 प्रश्न होते हैं तो दूसरा भाग लघु उत्तरीय प्रश्नों का होता है। तीसरे भाग में 10-10 नंबर के पांच दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होते हैं। इस प्रकार यह क्रमश: 10, 25 और 50 नंबर में बंटा रहता है। वही 15 नंबर का सतत व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) रहता है।

तो होगा नुकसान :
कमेटी ने शिकायत को ठीक पाया और कम से कम 33 नंबर के प्रश्न रिपीट होने की बात स्वीकार की। विद्यार्थियों के पेपर में इतने रिपीट प्रश्न को कम करके अलग से बोनस नंबर देने की बात सामने आई।

विद्यार्थियों के हित में
यूनिवर्सिटी ने हमें विद्यार्थियों की शिकायत के संबंध में बुलाया था। यह सही है कि एक ही यूनिट के छह प्रश्न मिलते-जुलते पूछ लिए गए। बाकी यूनिट से नहीं पूछे गए। अब विद्यार्थियों के हित में ही निर्णय लेंगे।
- डॉ. फेहमिदा मंसूरी, डीन - उर्दू संकाय

कमेटी निर्णय लेगी
इस बारे में शिकायत मिली थी। हमने संबंधित फैकल्टी की कमेटी को यह मामला दे दिया है। वो जो भी निर्णय लेगी, वो नियमानुसार मान्य किया जाएगा।
- डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक

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