रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 28 फरवरी से होने वाले साउथ एशियन यूनिवर्सिटीज यूथ फेस्टिवल (साऊ फेस्ट) में होने वाले हेमा मालिनी के डांस कार्यक्रम का विवाद अभी भी थमा नहीं है। इसके लिए ‘नॉन रिफंडेबल’ एडवांस (पांच लाख रुपए) देने की तैयारियों पर विवि के आॅडिट और अकाउंट डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई नियम न होने की बात कहकर इस पर आपत्ति लगाई, लेकिन कुलपति ने इसे अपना अधिकार बताते हुए एडवांस की राशि भेज दी। वहीं कार्यक्रम के वास्तविक आयोजक छात्र कल्याण संकाय के डीन (डीएसडब्ल्यू) ने इससे अनभिज्ञता दर्शाई है।
करीब 30 लाख रुपए के भारी-भरकम खर्च से साऊ फेस्ट में होने वाले हेमा मालिनी के कार्यक्रम के लिए कार्यपरिषद सदस्य चंद्रशेखर रायकवार ने प्रस्ताव पास कराया था। इस कारण कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ इसे किसी भी सूरत में कराना चाहते हैं, जबकि इससे कम राशि में अन्य कलाकार को बुलाया जा सकता है।
फाइनेंस अफसर ने लगाई थी आपत्ति
छात्र कल्याण संकाय से एडवांस के लिए नोटशीट चलाई गई। इसमें कार्यक्रम हेतु पांच लाख रुपए एडवांस देने के लिए सक्षम अधिकारियों की अनुमति मांगी थी। नियमानुसार जैसे ही यह नोटशीट फाइनेंस अफसर के पास पहुंची उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी। उसके बाद आॅडिट विभाग ने भी उसे खारिज कर दिया, जबकि इसके पहले अन्य अधिकारी इसे हरी झंडी दे चुके थे। वास्तव में फाइनेंस और आॅडिट विभाग में कार्यरत फाइनेंस और आॅडिट अफसर की नियुक्ति राज्य शासन द्वारा की जाती है।
मुख्य आयोजक ने जताई अनभिज्ञता
सूत्रों के मुताबिक कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ का कहना है कि आठ लाख रुपए तक की राशि पास करने का अधिकार उन्हें है। वहीं सरकारी अधिकारियों के मुताबिक कुलपति किसी योजना में आठ लाख रुपए तक का प्रस्ताव पास करने का अधिकार रखते हैं, लेकिन किसी डांस के लिए यह राशि एडवांस देने का कोई नियम नहीं है। अब चाहे कार्यक्रम हो या न हो, उक्त राशि तो विवि के खाते से जाना ही है। खास बात यह कि मुख्य आयोजनकर्ता छात्र कल्याण संकाय के डीन को एडवांस दिए जाने संबंधी जानकारी ही नहीं है।
एआईयू से आए आधे
हेमा मालिनी ने कार्यक्रम के लिए एडवांस मांगा था। साथ ही शर्त भी रखी थी कि यह नॉन रिफंडेबल होगा, चाहे कार्यक्रम हो या नहीं। इसके बावजूद विवि ने उन्हें यह राशि दे दी, जबकि इस कार्यक्रम का जबरदस्त विरोध हो रहा है। इधर, इस कार्यक्रम के लिए अभी तक एसोसिएशन आॅफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) ने मात्र पांच लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें से ढाई लाख का चेक विवि को भेजा है। हेमा को दी गई एडवांस राशि छात्र कल्याण संकाय के खाते से देने की बात सामने आ रही है।
एडवांस तो देना ही था
राशि भेज दी है। आॅडिट ने आपत्ति ली थी और हमने उसका जवाब दे दिया है। अगर कार्यक्रम कराना है तो एडवांस तो देना ही पड़ेगा।
-डॉ. नरेंद्र धाकड़, कुलपति, देअविवि