रफी मोहम्मद शेख इंदौर। वर्तमान में प्रदेश की अधिकांश यूनिवर्सिटीज में परीक्षाओं का दौर चल रहा है लेकिन इस समय प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में चल रही एक बड़ी गड़बड़ी को उच्च शिक्षा विभाग ने पकड़ा है। इन कॉलेजों ने अपनी वेबसाइट पर इस दौरान भी प्रोफेसर्स द्वारा पढ़ाई करवाने का टाइम-टेबल अपलोड कर रखा था, वो परीक्षा में व्यस्त थे, जबकि विभाग ने इसे अपडेट करने के निर्देश दिए थे। इसमें गेस्ट फैकल्टी की फर्जी क्लासेस भी बता दी गईं, जबकि वो भी परीक्षा ड्यूटी में थे।
उच्च शिक्षा विभाग ने जब कई कॉलेजों की वेबसाइट को चेक किया तो पाया कि उनकी वेबसाइट पर जो टाइम-टेबल अपलोड है, वह महीनेभर पुराना है। जबकि विभाग ने सभी कॉलेजों को प्रति सप्ताह अपडेट और सही टाइम-टेबल अपलोड करने के निर्देश दे रखे हैं। जब धीरे-धीरे अन्य कॉलेजों की वेबसाइट भी खंगाली गईं तो प्रदेश के 400 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों में से 250 में यह गड़बड़ी पाई गई।
विभाग ने जब अपने स्तर पर इसकी जांच करवाई तो पाया कि प्रदेश की अधिकांश यूनिवर्सिटी में इस समय परीक्षाएं चल रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार 15 दिसंबर से लेकर 15 जनवरी तक अलग-अलग परीक्षाओं का समय निश्चित है। इसी आधार पर यूनिवर्सिटी ने पहले बीए, बीकॉम व बीएससी जैसे पारंपरिक कोर्सेस की परीक्षाएं ली और अब बीबीए, बीसीए, एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेस की परीक्षाएं ले रही है। इस प्रकार कॉलेजों ने इन परीक्षाओं के पहले चलने वाले टाइम-टेबल को बदला ही नहीं।
तीन शिफ्टों में परीक्षाएंं
वास्तव में गवर्नमेंट कॉलेजों में बीए, बीकॉम व बीएससी कोर्सेस चलने के कारण एक से लेकर तीन शिफ्ट में परीक्षाएं हो रही हैं। सुबह की शिफ्ट 7.30 से है तो दोपहर की 11 बजे से और शाम की 2 बजे से है। इस प्रकार संबंधित फैकल्टी के प्रोफेसर्स की इन परीक्षाओं के संचालन में ड्यूटी लग रही है। जबकि टाइम-टेबल के हिसाब से वो क्लासेस में पढ़ाई करवा रहे हैं। प्रमुख सचिव ने जब इस मामले में क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों को फटकार लगाई तो उन्होंने संबंधित कॉलेजों को इसकी सूचना दी।
प्राचार्यों को चेतावनी
इंदौर में चलने वाले अधिकांश कॉलेजों की भी यही स्थिति थी। जबकि इंदौर संभाग के अन्य कॉलेजों ने भी यही किया था। अतिरिक्त संचालक की फटकार के बाद इसे बदला गया। जिन स्थानों पर जिन कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं चल रही थीं, उनकी कक्षाएं अलग कमरों में लगाना तय किया गया। इन कक्षाओं में स्थायी प्रोफेसर्स के अतिरिक्त गेस्ट फैकल्टी वालों की ड्यूटी भी लगाई गई। डांट के बाद नए अपडेट टाइम-टेबल डाले गए हैं। कॉलेजों के प्राचार्यों को इस गलती के लिए चारित्रिक चेतावनी दी गई है।
ड्यूटी में फर्जी कक्षाएं
वास्तव में कॉलेजों में परीक्षाओं के दौरान कक्षाएं लगती ही नहीं हैं। इसमें स्थायी प्रोफेसर्स के अतिरिक्त गेस्ट फैकल्टी की भी परीक्षा में ड्यूटी लगा दी जाती है, जबकि उन्हें प्रतिदिन निश्चित कक्षाएं लेना जरूरी है। परीक्षा के दौरान भी उनकी कक्षाएं फर्जी तौर पर बता दी जाती हैं। इससे वे कक्षाएं भी नहीं लेते हंै और परीक्षा में ड्यूटी भी कर लेते हैं। इससे शासन के जहां जबरन रुपए देना पड़ते हैं, वहीं विद्यार्थी भी इस समय परेशान होते रहते हैं। ऐसी गड़बड़ी पकड़ने के लिए उच्च शिक्षा विभाग कॉलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करने की योजना भी बना रहा है।
तुरंत अपडेट करवाएं
उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद सभी कॉलेजों को तुरंत अपडेट टाइम-टेबल डालने के लिए कहा गया। प्राचार्यों को ऐसी गलती बाद में नहीं करने की चेतावनी भी दी गई है। - डॉ. आर.एस. वर्मा, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग, इंदौर संभाग